सही समय
‘सही समय’
जब सोच को सही समझ मिल जाए
जब जीवन को नया उद्देश्य मिल जाए
जब मन निश्चिंत हो साहस पा जाए
जब दिल को अपना प्रेम मिल जाए
जब दिमाग को सही वजह मिल जाए
वही समय, सही समय कहलाए।
बीज को जब उगने की जमीं मिल जाए
जब धरती को जल की नमी मिल जाए
जब सूरज की किरणें नया सवेरा लाएं
जब पंछी को उड़ने के पंख मिल जाएं
जब आकाश में हवा चलने लग जाए
वही समय, सही समय कहलाए।
ईश्वर रुका नहीं किसी वक्त के खातिर
सृजन के साथ हुआ वक्त खुद से वाकिफ
जीवन रुका नहीं किसी घड़ी के खातिर
धड़कन रुकी तो वह वक्त होता है आखिर
जब दिल की धड़कन महसूस हो जाए
जब जीवन में चेतना के द्वार खुल जाएं
वही समय, सही समय कहलाए।