Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 May 2017 · 1 min read

‘सहज’ के दो मुक्तक

1.
मुक्तक :
000
कर्म में विस्वाश कर.
तनिक दिल में धीर धर.
राह कितनी भी कठिन,
ध्यान केवल लक्ष्य पर.
000
2.
कर्म बिना है, फल नहीं.
सिर्फ ‘आज’ है, ‘कल’ नहीं.
रिश्तों में बस प्रेम ही,
जाति-धर्म या दल नहीं .
@डॉ.रघुनाथ मिश्र ‘सहज’
अधिवक्ता/साहित्यकार
सर्वाधिकार सुरक्षित
संपर्क :3-k-30,तलवंडी,कोटा-324005 (राजस्थान)
09214313946

Language: Hindi
525 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
मन डूब गया
मन डूब गया
Kshma Urmila
* चली रे चली *
* चली रे चली *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नीलेश
नीलेश
Dhriti Mishra
बाल कविता: मेरा कुत्ता
बाल कविता: मेरा कुत्ता
Rajesh Kumar Arjun
बिगड़ता यहां परिवार देखिए........
बिगड़ता यहां परिवार देखिए........
SATPAL CHAUHAN
हे!जगजीवन,हे जगनायक,
हे!जगजीवन,हे जगनायक,
Neelam Sharma
बस मुझे महसूस करे
बस मुझे महसूस करे
Pratibha Pandey
अध खिला कली तरुणाई  की गीत सुनाती है।
अध खिला कली तरुणाई की गीत सुनाती है।
Nanki Patre
पितर पाख
पितर पाख
Mukesh Kumar Sonkar
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को उनकी पुण्यतिथि पर शत शत नमन्।
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को उनकी पुण्यतिथि पर शत शत नमन्।
Anand Kumar
मुनाफे में भी घाटा क्यों करें हम।
मुनाफे में भी घाटा क्यों करें हम।
सत्य कुमार प्रेमी
डरने लगता हूँ...
डरने लगता हूँ...
Aadarsh Dubey
💐प्रेम कौतुक-545💐
💐प्रेम कौतुक-545💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
विश्व हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
विश्व हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
तेज़
तेज़
Sanjay ' शून्य'
जब तलक था मैं अमृत, निचोड़ा गया।
जब तलक था मैं अमृत, निचोड़ा गया।
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
"आज का दौर"
Dr. Kishan tandon kranti
एक बार फिर...
एक बार फिर...
Madhavi Srivastava
युद्ध नहीं अब शांति चाहिए
युद्ध नहीं अब शांति चाहिए
लक्ष्मी सिंह
■ मुक्तक...
■ मुक्तक...
*Author प्रणय प्रभात*
Miracles in life are done by those who had no other
Miracles in life are done by those who had no other "options
Nupur Pathak
डॉ ऋषि कुमार चतुर्वेदी (श्रद्धाँजलि लेख)
डॉ ऋषि कुमार चतुर्वेदी (श्रद्धाँजलि लेख)
Ravi Prakash
मोहब्बत तो आज भी
मोहब्बत तो आज भी
हिमांशु Kulshrestha
23/54.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/54.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
छुप जाता है चाँद, जैसे बादलों की ओट में l
छुप जाता है चाँद, जैसे बादलों की ओट में l
सेजल गोस्वामी
चाहिए
चाहिए
Punam Pande
विदंबना
विदंबना
Bodhisatva kastooriya
ऐ जिन्दगी मैने तुम्हारा
ऐ जिन्दगी मैने तुम्हारा
पूर्वार्थ
मुक्तक...छंद पद्मावती
मुक्तक...छंद पद्मावती
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...