Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2017 · 1 min read

‘सहज’ के दोहे

जीवन है अनमोल यह, इसको नहीं बिगाड़.
यह है दुर्लभ से मिला,समझ नहीं खिलवाड़.

सोच सार्थक हो सदा,दिन कैसे भी होयँ.
निश्चित काटेंगे वही, जो खेतों में बोयँ.

सदा सफलता के नियम,रहें अटल ले मान.
इसी लिए तू कर जतन,छोड़ सभी अभिमान.

आवश्यकता ठीक है, इक्षा का क्या अंत.
सब उस पर ही छोड़ दे, उसकी शक्ति अनंत.

‘सहज’सीख ले पाठ तू,रहे मगन हर हाल.
समय बड़ा बलवान है, मत बांधे पुल-पाल.
000
@डॉ.रघुनाथ मिश्र ‘सहज’
अधिवक्ता/साहित्यकार
सर्वाधिकार सुरक्षित.

Language: Hindi
1 Like · 280 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*सियासत हो गई अब सिर्फ, कारोबार की बातें (हिंदी गजल/गीतिका)*
*सियासत हो गई अब सिर्फ, कारोबार की बातें (हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
एक दिन जब न रूप होगा,न धन, न बल,
एक दिन जब न रूप होगा,न धन, न बल,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
बेरहमी
बेरहमी
Dr. Kishan tandon kranti
मंगलमय हो नववर्ष सखे आ रहे अवध में रघुराई।
मंगलमय हो नववर्ष सखे आ रहे अवध में रघुराई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
रिश्तों की कसौटी
रिश्तों की कसौटी
VINOD CHAUHAN
" शांत शालीन जैसलमेर "
Dr Meenu Poonia
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"रातरानी"
Ekta chitrangini
किन्तु क्या संयोग ऐसा; आज तक मन मिल न पाया?
किन्तु क्या संयोग ऐसा; आज तक मन मिल न पाया?
संजीव शुक्ल 'सचिन'
हाइकु- शरद पूर्णिमा
हाइकु- शरद पूर्णिमा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
‌एक सच्ची बात जो हर कोई जनता है लेकिन........
‌एक सच्ची बात जो हर कोई जनता है लेकिन........
Rituraj shivem verma
💐प्रेम कौतुक-341💐
💐प्रेम कौतुक-341💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दुल्हन एक रात की
दुल्हन एक रात की
Neeraj Agarwal
कर बैठे कुछ और हम
कर बैठे कुछ और हम
Basant Bhagawan Roy
आज और कल
आज और कल
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
उतर जाती है पटरी से जब रिश्तों की रेल
उतर जाती है पटरी से जब रिश्तों की रेल
हरवंश हृदय
■ आज का शेर...।
■ आज का शेर...।
*Author प्रणय प्रभात*
"राज़-ए-इश्क़" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
स्त्रीत्व समग्रता की निशानी है।
स्त्रीत्व समग्रता की निशानी है।
Manisha Manjari
पता नहीं था शायद
पता नहीं था शायद
Pratibha Pandey
प्रार्थना के स्वर
प्रार्थना के स्वर
Suryakant Dwivedi
23/57.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/57.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बसंत
बसंत
Bodhisatva kastooriya
जीवन एक मैराथन है ।
जीवन एक मैराथन है ।
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
शून्य से अनन्त
शून्य से अनन्त
The_dk_poetry
मेरे होंठों पर
मेरे होंठों पर
Surinder blackpen
बहुत नफा हुआ उसके जाने से मेरा।
बहुत नफा हुआ उसके जाने से मेरा।
शिव प्रताप लोधी
पढ़ने की रंगीन कला / MUSAFIR BAITHA
पढ़ने की रंगीन कला / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
आलेख - मित्रता की नींव
आलेख - मित्रता की नींव
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
प्रकृति को त्यागकर, खंडहरों में खो गए!
प्रकृति को त्यागकर, खंडहरों में खो गए!
विमला महरिया मौज
Loading...