Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Feb 2017 · 1 min read

‘सहज’ के दोहे -खामोशी

खामोशी पसरी रही,लोग रहे भयभीत।
दूर-दूर तक मौन थे,छन्द-ग़ज़ल औ गीत।
हम जब तक खामोश थे,खूब चल गई पोल।
ठान लिया अब बोलना,होगा डब्बा गोल।
खामोशी से क्या मिला,समझे गए गँवार।
ख़ुदगर्ज़ों का काफिला,फूला-फला अपार।
कुछ खामोशी में जिएं,कुछ के बाजें ढोल।
‘सहज’ नहीं आसान यह,कह-सुन गाँठें खोल ।
@ डा०रघुनाथ मिश्र ‘सहज’
अधिवक्ता /साहित्यकार
सर्वाधिकार सुरक्षित

Language: Hindi
393 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कहती जो तू प्यार से
कहती जो तू प्यार से
The_dk_poetry
मतदान दिवस
मतदान दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
समर्पित बनें, शरणार्थी नहीं।
समर्पित बनें, शरणार्थी नहीं।
Sanjay ' शून्य'
Let yourself loose,
Let yourself loose,
Dhriti Mishra
जिन्दगी की यात्रा में हम सब का,
जिन्दगी की यात्रा में हम सब का,
नेताम आर सी
जल रहें हैं, जल पड़ेंगे और जल - जल   के जलेंगे
जल रहें हैं, जल पड़ेंगे और जल - जल के जलेंगे
सिद्धार्थ गोरखपुरी
नेताजी सुभाषचंद्र बोस
नेताजी सुभाषचंद्र बोस
ऋचा पाठक पंत
प्रेम निवेश है ❤️
प्रेम निवेश है ❤️
Rohit yadav
#शिव स्तुति#
#शिव स्तुति#
rubichetanshukla 781
ज़ेहन से
ज़ेहन से
हिमांशु Kulshrestha
दोहा निवेदन
दोहा निवेदन
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
विरह
विरह
Neelam Sharma
आजाद पंछी
आजाद पंछी
Ritu Asooja
"अकाल"
Dr. Kishan tandon kranti
अपनी पहचान को
अपनी पहचान को
Dr fauzia Naseem shad
कुछ ख्वाब
कुछ ख्वाब
Rashmi Ratn
2729.*पूर्णिका*
2729.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
फूल रहा जमकर फागुन,झूम उठा मन का आंगन
फूल रहा जमकर फागुन,झूम उठा मन का आंगन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
होली
होली
Dr Archana Gupta
विश्व कप-2023 का सबसे लंबा छक्का किसने मारा?
विश्व कप-2023 का सबसे लंबा छक्का किसने मारा?
World Cup-2023 Top story (विश्वकप-2023, भारत)
कविता
कविता
Rambali Mishra
पूरे शहर का सबसे समझदार इंसान नादान बन जाता है,
पूरे शहर का सबसे समझदार इंसान नादान बन जाता है,
Rajesh Kumar Arjun
वो एक ही शख्स दिल से उतरता नहीं
वो एक ही शख्स दिल से उतरता नहीं
श्याम सिंह बिष्ट
*पुरानी पेंशन हक है मेरा(गीत)*
*पुरानी पेंशन हक है मेरा(गीत)*
Dushyant Kumar
बस जाओ मेरे मन में
बस जाओ मेरे मन में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ए जिंदगी तू सहज या दुर्गम कविता
ए जिंदगी तू सहज या दुर्गम कविता
Shyam Pandey
दोहे-
दोहे-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
भाषण अब कैसे रूके,पॉंचों साल चुनाव( कुंडलिया)
भाषण अब कैसे रूके,पॉंचों साल चुनाव( कुंडलिया)
Ravi Prakash
■ सार संक्षेप...
■ सार संक्षेप...
*Author प्रणय प्रभात*
फकत है तमन्ना इतनी।
फकत है तमन्ना इतनी।
Taj Mohammad
Loading...