Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jan 2021 · 1 min read

सर्दी रानी सबको खूब सताती हो

सर्दी रानी सबको खूब सताती हो
कोप दिखाकर अपना हमें डराती हो

मैदानों में कोहरा लेकर आती हो
मगर पहाड़ों पर तो बर्फ गिराती हो
इधर उधर ये जाकर छिपते रहते हैं
सूरज दादा को इतना धमकाती हो
सर्दी रानी सबको खूब सताती हो

ठंडे- ठंडे पानी से डर लगता है
मुँह खोलें तो मुँह से धुँआ निकलता है
ठिठुरन के ये तीर चुभोती है तन में
क्यों इतनी बर्फीली हवा चलाती हो
सर्दी रानी सबको खूब सताती हो

सर पर टोपी दस्ताने हैं हाथों में
पड़े लादने कितने स्वेटर जाड़ों में
घर के अंदर बन्द हमें रहना पड़ता
जब बारिश की बूंदें लेकर आती हो
सर्दी रानी सबको खूब सताती हो

12-01-2021
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 554 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
नज़्म/कविता - जब अहसासों में तू बसी है
नज़्म/कविता - जब अहसासों में तू बसी है
अनिल कुमार
शरीर मोच खाती है कभी आपकी सोच नहीं यदि सोच भी मोच खा गई तो आ
शरीर मोच खाती है कभी आपकी सोच नहीं यदि सोच भी मोच खा गई तो आ
Rj Anand Prajapati
सजी कैसी अवध नगरी, सुसंगत दीप पाँतें हैं।
सजी कैसी अवध नगरी, सुसंगत दीप पाँतें हैं।
डॉ.सीमा अग्रवाल
ఇదే నా భారత దేశం.
ఇదే నా భారత దేశం.
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
जब चांद चमक रहा था मेरे घर के सामने
जब चांद चमक रहा था मेरे घर के सामने
shabina. Naaz
बीड़ी की बास
बीड़ी की बास
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
फिर एक पलायन (पहाड़ी कहानी)
फिर एक पलायन (पहाड़ी कहानी)
श्याम सिंह बिष्ट
आजा रे आजा घनश्याम तू आजा
आजा रे आजा घनश्याम तू आजा
gurudeenverma198
#लघुकथा
#लघुकथा
*Author प्रणय प्रभात*
नव्य द्वीप का रहने वाला
नव्य द्वीप का रहने वाला
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
स्त्रियाँ
स्त्रियाँ
Shweta Soni
*रंग बदलते रहते मन के,कभी हास्य है-रोना है (मुक्तक)*
*रंग बदलते रहते मन के,कभी हास्य है-रोना है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
प्रश्नपत्र को पढ़ने से यदि आप को पता चल जाय कि आप को कौन से
प्रश्नपत्र को पढ़ने से यदि आप को पता चल जाय कि आप को कौन से
Sanjay ' शून्य'
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
subhash Rahat Barelvi
टिक टिक टिक
टिक टिक टिक
Ghanshyam Poddar
स्वांग कुली का
स्वांग कुली का
Er. Sanjay Shrivastava
ग़म कड़वे पर हैं दवा, पीकर करो इलाज़।
ग़म कड़वे पर हैं दवा, पीकर करो इलाज़।
आर.एस. 'प्रीतम'
2666.*पूर्णिका*
2666.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पत्नी जब चैतन्य,तभी है मृदुल वसंत।
पत्नी जब चैतन्य,तभी है मृदुल वसंत।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
बंगाल में जाकर जितनी बार दीदी,
बंगाल में जाकर जितनी बार दीदी,
शेखर सिंह
आबरू भी अपनी है
आबरू भी अपनी है
Dr fauzia Naseem shad
एक उलझन में हूं मैं
एक उलझन में हूं मैं
हिमांशु Kulshrestha
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
"असफलता"
Dr. Kishan tandon kranti
आजकल कल मेरा दिल मेरे बस में नही
आजकल कल मेरा दिल मेरे बस में नही
कृष्णकांत गुर्जर
तुमसा तो कान्हा कोई
तुमसा तो कान्हा कोई
Harminder Kaur
जिदंगी भी साथ छोड़ देती हैं,
जिदंगी भी साथ छोड़ देती हैं,
Umender kumar
मंत्र की ताकत
मंत्र की ताकत
Rakesh Bahanwal
दोहा - शीत
दोहा - शीत
sushil sarna
हम पचास के पार
हम पचास के पार
Sanjay Narayan
Loading...