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12 Aug 2016 · 1 min read

सरहद पार वालों के ख़त का उत्तर

रेडियो मिर्ची की आर जे सायेमा ने अपने पेज पर एक विडियो पोस्ट किया था जिसमे उन्होंने पाकिस्तान से आई कविता का पाठ किया था और उसका जवाब माँगा था, विडियो का लिंक संलग्न है, इसी विडियो के प्रत्युत्तर में मैंने ये रचना लिखी है : https://www.facebook.com/123125827762022/videos/1098798000194795/

आप सभी की नजर है मेरी ये रचना :

सरहद पार वालों के ख़त का उत्तर

****************************

जब भी तुम आये हो हमने पलकें बिछाई हैं

नफरतें हमारे बीच हुक्मरानों ने फैलाई है

हमने प्यार से देखा है सरहद के उस पार

हर बार वहाँ से सिर्फ गोलियाँ ही आयी हैं

भेजी है तुमने लाहौर की मिटटी की खुशबू

गुलाब की कलियाँ रावी में हमने बहायी हैं

प्यार का पैगाम तुम्हारा आया है पास हमारे

मुहब्बत भरी कुछ नज्में हमने भी गायी हैं

बुझने न देंगे किसी भी क़ीमत पर वो शमा

अमन की खातिर तुमने जतन से जलायी है

रखेंगे ख़त तुम्हारा सम्हाल कर किताब में

बड़े अरसे बाद सरहद पार से चिट्ठी आयी है

“सन्दीप कुमार”

०९/०८/२०१६

मौलिक, अप्रकाशित

(C) सर्वाधिकार सुरक्षित

Language: Hindi
325 Views
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