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7 Jul 2016 · 1 min read

सरस्वती वंदना

सरस्वती वंदना
सरस्वती माँ करें वंदना , हम तेरे ही बालक हैं।
दूर करो माँ वो अँधियारे, जो जीवन में बाधक हैं।

माँ निर्मल मति को कर देना, सदाचार अपनाऐं हम।
मधुर करो माँ वाणी ऐसी, सबका मन हरषाऐं हम।
पाप कर्म से दूर रखो माँ, हम तेरे आराधक है।
सरस्वती ……………………………………।।१।।

श्वेत वस्त्र स्वर्णिम आभा है , कर में वीणा रखती हो।
सत्य स्वरूपी अंब शारदा, ज्ञान हृदय में भरती हो।
सतत् ज्ञान आलोक करो माँ, हम विद्या के साधक हैं।
सरस्वती……………………………………..।।२।।

तुलसी, कालीदास, भारवी, सबने ही गुणगान किया।
कवियों ने कविता-रस पाने, तेरी ही माँ ध्यान किया।
मैया उन दोषों को हर लो, जो चैतन्य विदारक हैं।
सरस्वती ……………………………………..।।३।।
————————————————————
इषुप्रिय शर्मा’ अंकित’
रामपुर कलाँ, सबलगढ(म.प्र.)

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 2 Comments · 3518 Views
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