“” सरस्वती मां सरस्वती””
सरस्वती मां सरस्वती, दे दो मुझको ऐसी मती।
मानव बन कर आया जग में,
सुकर्म को देता रहूं गति ।।
सरस्वती———————————।
(१) शिक्षा के मंदिर में आया,
लेकर मन में अभिलाषा।
ज्ञान चक्षु खुल जाए मेरा,
जिसके दर्शन का प्यासा।
वीणापाणि मां कल्याणी, विद्या धन की ओ महारानी,
कंठ – कंठ में रची बसी ।
सरस्वती मां सरस्वती, दे दो मुझको ऐसी मती।।
*****निरंतर जारी रहेगी*****
राजेश व्यास अनुनय