Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Sep 2016 · 1 min read

सरल दोहे

सुप्रभात मित्रों – (8/9/16)
शायरों के नाम एक सरल दोहा
******************************************
शायर आशिक एक से, जागें सारी रात ।
ख्वाब एक की आँख में, कलम एक के हाथ।।
*******************************************
ईश्वर व् ईश्वर तुल्य गुरुओं के सम्मान में मेरा दोहा-

गुरु गोविंद दोउ खड़े , दोनों लागूँ पाय।
एक दी मोय ज़िन्दगी, जीना एक सिखाय।।
**************************************
भरा पड़ा चहुँ और है, देखो ज्ञान अपार ।
सीखना जो चाहो तो, शिक्षक सब संसार ।।
***************************************
सप्रेम – शैलेंद्र
लखनऊ

Language: Hindi
1185 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अनेक को दिया उजाड़
अनेक को दिया उजाड़
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कान्हा भजन
कान्हा भजन
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
#एक_कविता
#एक_कविता
*Author प्रणय प्रभात*
बोये बीज बबूल आम कहाँ से होय🙏🙏
बोये बीज बबूल आम कहाँ से होय🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बटोही  (कुंडलिया)
बटोही (कुंडलिया)
Ravi Prakash
💐प्रेम कौतुक-156💐
💐प्रेम कौतुक-156💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*जय माँ झंडेया वाली*
*जय माँ झंडेया वाली*
Poonam Matia
When conversations occur through quiet eyes,
When conversations occur through quiet eyes,
पूर्वार्थ
इंसान VS महान
इंसान VS महान
Dr MusafiR BaithA
*तेरा इंतज़ार*
*तेरा इंतज़ार*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
शिवरात्रि
शिवरात्रि
Satish Srijan
*
*"शिव आराधना"*
Shashi kala vyas
मुश्किलों से हरगिज़ ना घबराना *श
मुश्किलों से हरगिज़ ना घबराना *श
Neeraj Agarwal
विकास की जिस सीढ़ी पर
विकास की जिस सीढ़ी पर
Bhupendra Rawat
प्रेम की अनिवार्यता
प्रेम की अनिवार्यता
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मोबाइल
मोबाइल
लक्ष्मी सिंह
अभिमान  करे काया का , काया काँच समान।
अभिमान करे काया का , काया काँच समान।
Anil chobisa
तू ही हमसफर, तू ही रास्ता, तू ही मेरी मंजिल है,
तू ही हमसफर, तू ही रास्ता, तू ही मेरी मंजिल है,
Rajesh Kumar Arjun
*अपवित्रता का दाग (मुक्तक)*
*अपवित्रता का दाग (मुक्तक)*
Rambali Mishra
प्रेम में डूब जाने वाले,
प्रेम में डूब जाने वाले,
Buddha Prakash
आहाँ अपन किछु कहैत रहू ,आहाँ अपन किछु लिखइत रहू !
आहाँ अपन किछु कहैत रहू ,आहाँ अपन किछु लिखइत रहू !
DrLakshman Jha Parimal
मैने नहीं बुलाए
मैने नहीं बुलाए
Dr. Meenakshi Sharma
"कब तक छुपाहूँ"
Dr. Kishan tandon kranti
फर्ज़ अदायगी (मार्मिक कहानी)
फर्ज़ अदायगी (मार्मिक कहानी)
Dr. Kishan Karigar
पति-पत्नी, परिवार का शरीर होते हैं; आत्मा तो बच्चे और बुजुर्
पति-पत्नी, परिवार का शरीर होते हैं; आत्मा तो बच्चे और बुजुर्
विमला महरिया मौज
डॉ अरुण कुमार शास्त्री – एक अबोध बालक // अरुण अतृप्त
डॉ अरुण कुमार शास्त्री – एक अबोध बालक // अरुण अतृप्त
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पलकों से रुसवा हुए, उल्फत के सब ख्वाब ।
पलकों से रुसवा हुए, उल्फत के सब ख्वाब ।
sushil sarna
दोहा -
दोहा -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
पिघलता चाँद ( 8 of 25 )
पिघलता चाँद ( 8 of 25 )
Kshma Urmila
दर्स ए वफ़ा आपसे निभाते चले गए,
दर्स ए वफ़ा आपसे निभाते चले गए,
ज़ैद बलियावी
Loading...