सरदार थे वे लोह पुरुष, जन्म दिवस आज उन्हीं का !!!
एकता का मंत्र दिया और, लोकतंत्र को जोड़ा था।
सरदार थे वे लौह पुरुष, जन-जन में मंत्र यह दौड़ा था।
जन्म दिवस है आज उन्हीं का, शत-शत उनको नमन करूं।।
राष्ट्रीय एकीकरण की धारा में ,जिन ने सबको मोड़ा था।
जन्म दिवस है आज उन्हीं का उनको शत-शत नमन करूं।।
अंग्रेजों की फूट नीति सरदार के आगे चली नहीं।
विखंडन करना चाहा देश का, दाल उनकी गली नहीं।
सूझ भूझ थी उनकी व्यापक, बार-बार स्मरण करूं।
जन्म दिवस है आज उन्हीं का,शत-शत उनको नमन करूं।।
रियासतों में देश बटा था, सबको था उनने समझाया।
बीज मंत्र ऐसा दिया कि, सबके मन को वह भाया।
राष्ट्रीय एकता दिवस पर मै, श्रद्धा सुमन अर्पण करूं।
जन्म दिवस है आज उन्हीं का ,शत-शत उनको नमन करूं।।
गाथा उनकी जितनी गावो, शब्द कम पड़ जाएंगे।
धीर वीर गंभीर थे इतने, हम क्या-क्या लिख पाएंगे।
आपकी जरूरत आज भी हमको, कश्मीर में अमन लौटाएंगे।
भेजो ईश्वर फिर से उनको, आपका मै आह्वान करूं।।
जन्म दिवस है आज उन्हीं का, शत-शत उनको नमन करूं
**राष्ट्रीय एकता दिवस जिंदाबाद**
राजेश व्यास अनुनय