Kya kahun ki kahne ko ab kuchh na raha,
विष का कलश लिये धन्वन्तरि
सुरनदी_को_त्याग_पोखर_में_नहाने_जा_रहे_हैं......!!
है कश्मकश - इधर भी - उधर भी
तुम्ही ने दर्द दिया है,तुम्ही दवा देना
तड़ाग के मुँह पर......समंदर की बात
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Life is like party. You invite a lot of people. Some leave e
देखी है ख़ूब मैंने भी दिलदार की अदा
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
पढ़ता भारतवर्ष है, गीता, वेद, पुराण
■ पता नहीं इतनी सी बात स्वयम्भू विश्वगुरुओं को समझ में क्यों
जिसका मिज़ाज़ सच में, हर एक से जुदा है,
Bhagwan sabki sunte hai...
जय अम्बे
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बस, इतना सा करना...गौर से देखते रहना
रहने भी दो यह हमसे मोहब्बत
आपकी सादगी ही आपको सुंदर बनाती है...!