Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jun 2017 · 1 min read

समसामयिक

बगावत छेंड़ दी, बाग की लताओं नें,
माली कैद है, हमपर राज किसका है।
कारजा़र सा माहौल है, अपनों का अपनों से,
अपना सा ये काजि़ब, समाज किसका है।

Language: Hindi
1 Like · 350 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जिज्ञासा और प्रयोग
जिज्ञासा और प्रयोग
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जब भी दिल का
जब भी दिल का
Neelam Sharma
*****सूरज न निकला*****
*****सूरज न निकला*****
Kavita Chouhan
मुक्तक
मुक्तक
नूरफातिमा खातून नूरी
इधर उधर न देख तू
इधर उधर न देख तू
Shivkumar Bilagrami
बापक भाषा
बापक भाषा
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*पत्रिका का नाम : इंडियन थियोसॉफिस्ट*
*पत्रिका का नाम : इंडियन थियोसॉफिस्ट*
Ravi Prakash
चिंता अस्थाई है
चिंता अस्थाई है
Sueta Dutt Chaudhary Fiji
भाई बहन का प्रेम
भाई बहन का प्रेम
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
सियासत कमतर नहीं शतरंज के खेल से ,
सियासत कमतर नहीं शतरंज के खेल से ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
Buddha Prakash
Bato ki garma garmi me
Bato ki garma garmi me
Sakshi Tripathi
किन्नर व्यथा...
किन्नर व्यथा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
हर कदम बिखरे थे हजारों रंग,
हर कदम बिखरे थे हजारों रंग,
Kanchan Alok Malu
भले ई फूल बा करिया
भले ई फूल बा करिया
आकाश महेशपुरी
'बेटी बचाओ-बेटी पढाओ'
'बेटी बचाओ-बेटी पढाओ'
Bodhisatva kastooriya
तुम्हारा हर लहज़ा, हर अंदाज़,
तुम्हारा हर लहज़ा, हर अंदाज़,
ओसमणी साहू 'ओश'
"चलना सीखो"
Dr. Kishan tandon kranti
आज तुम्हारे होंठों का स्वाद फिर याद आया ज़िंदगी को थोड़ा रोक क
आज तुम्हारे होंठों का स्वाद फिर याद आया ज़िंदगी को थोड़ा रोक क
पूर्वार्थ
1
1
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*तू एक फूल-सा*
*तू एक फूल-सा*
Sunanda Chaudhary
मुझे आज तक ये समझ में न आया
मुझे आज तक ये समझ में न आया
Shweta Soni
--एक दिन की भेड़चाल--
--एक दिन की भेड़चाल--
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
माये नि माये
माये नि माये
DR ARUN KUMAR SHASTRI
उसकी गली से गुजरा तो वो हर लम्हा याद आया
उसकी गली से गुजरा तो वो हर लम्हा याद आया
शिव प्रताप लोधी
कुछ तो याद होगा
कुछ तो याद होगा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
हौसला
हौसला
Monika Verma
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*Author प्रणय प्रभात*
* नव जागरण *
* नव जागरण *
surenderpal vaidya
एक ही तारनहारा
एक ही तारनहारा
Satish Srijan
Loading...