“””””””” *** समरसता के दीप जलाएं ***””””””””
तन दीपक बन जाएं, मन को बाती बनाएं।
सु विचारो का घृत डालकर ,
आओ इस दिवाली पर,
हम
समरसता के दीप जलाएं।।
जन जन में यह भाव जगाएं,
एक रूपता मिलकर लाएं।
देश को सबल बनाए।
कोई हमसे छूट न पाएं ।
हर घर रोशन हो जाएं ।
संस्कृति पुरखो ने सौंपी,
संस्कार को सब अपनाएं।
निर्धन को गले लगाएं,निर्बल की ताकत बन जाएं।
मानव से मानव का नाता ,मानवता को हम भूल न पाएं।
राजेश व्यास अनुनय