समय
विधा -छन्दमुक्त कविता
विषय- समय/वक्त
समय का जो भी पाबंद हुआ,
खुदा भी उससे रजामंद हुआ।
समय का पहिया रूकता नहीं
समय कभी भी थकता नहीं
समय सदा एक सा रहता नहीं
समय से जो भी अक्लमंद हुआ
खुदा भी उससे रजामंद हुआ।
समय का सदुपयोग करते रहें
हर समय नए प्रयोग करते रहें
जरूरतमंदों का सहयोग करते रहें
खाक में भी मीठा शकरकंद हुआ
खुदा भी उससे रजामंद हुआ।
समय का जो भी पाबंद हुआ
खुदा भी उससे रजामंद हुआ।
नूरफातिमा खातून नूरी
जिला-कुशीनगर