Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jul 2021 · 1 min read

“समय है अपराजित”

अधीर हो अगर तुम ;
व्याकुल हाँ चित्त है,
धीरज धरो हाँ जो कहता हृदय है,
ठहरो जरा तुम हाँ ठहरो जरा तुम !
आया नहीं हाँ अभी तेरा वक्त है।

साहिल क्युं हाँ; ढुंढेगा कश्ती
तय है जब उसका किनारे पे आना,
रोको कदम तुम थोड़ा सा ठहरो !

नहीं फर्क उनको जमाने का पड़ता,
कर्म जिनका हैं हाँ दुआओं में बसता,
चिता भी जले जो नमन उनको मिलता,
जिंदा रहे तो प्रेम है खिलता,

समय है अपराजित,
जो लक्ष्य में हो हाँ तुम !
तय उसकी धारा………..में निश्चल बहो तुम !

©दामिनी

Language: Hindi
282 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"ऐ मुसाफिर"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरे सब्र की इंतहां न ले !
मेरे सब्र की इंतहां न ले !
ओसमणी साहू 'ओश'
#कुछ खामियां
#कुछ खामियां
Amulyaa Ratan
मरने से
मरने से
Dr fauzia Naseem shad
कोंपलें फिर फूटेंगी
कोंपलें फिर फूटेंगी
Saraswati Bajpai
कहो जय भीम
कहो जय भीम
Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661
ਸਤਾਇਆ ਹੈ ਲੋਕਾਂ ਨੇ
ਸਤਾਇਆ ਹੈ ਲੋਕਾਂ ਨੇ
Surinder blackpen
■ चुनावी साल...
■ चुनावी साल...
*Author प्रणय प्रभात*
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
हर बार धोखे से धोखे के लिये हम तैयार है
हर बार धोखे से धोखे के लिये हम तैयार है
manisha
करो कुछ मेहरबानी यूँ,
करो कुछ मेहरबानी यूँ,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अवसर त मिलनक ,सम्भव नहिं भ सकत !
अवसर त मिलनक ,सम्भव नहिं भ सकत !
DrLakshman Jha Parimal
Ye Sidhiyo ka safar kb khatam hoga
Ye Sidhiyo ka safar kb khatam hoga
Sakshi Tripathi
💐प्रेम कौतुक-424💐
💐प्रेम कौतुक-424💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
अवावील की तरह
अवावील की तरह
abhishek rajak
शून्य से अनन्त
शून्य से अनन्त
The_dk_poetry
फुर्सत से आईने में जब तेरा दीदार किया।
फुर्सत से आईने में जब तेरा दीदार किया।
Phool gufran
कब भोर हुई कब सांझ ढली
कब भोर हुई कब सांझ ढली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ज़माने पर भरोसा करने वालों, भरोसे का जमाना जा रहा है..
ज़माने पर भरोसा करने वालों, भरोसे का जमाना जा रहा है..
पूर्वार्थ
प्याली से चाय हो की ,
प्याली से चाय हो की ,
sushil sarna
कौन कहता है कि नदी सागर में
कौन कहता है कि नदी सागर में
Anil Mishra Prahari
*॥ ॐ नमः शिवाय ॥*
*॥ ॐ नमः शिवाय ॥*
Radhakishan R. Mundhra
रंगमंच कलाकार तुलेंद्र यादव जीवन परिचय
रंगमंच कलाकार तुलेंद्र यादव जीवन परिचय
Tulendra Yadav
टूटी हुई उम्मीद की सदाकत बोल देती है.....
टूटी हुई उम्मीद की सदाकत बोल देती है.....
कवि दीपक बवेजा
बात तो सच है सौ आने कि साथ नहीं ये जाएगी
बात तो सच है सौ आने कि साथ नहीं ये जाएगी
Shweta Soni
एक रूपक ज़िन्दगी का,
एक रूपक ज़िन्दगी का,
Radha shukla
अलग अलग से बोल
अलग अलग से बोल
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मोहतरमा कुबूल है..... कुबूल है /लवकुश यादव
मोहतरमा कुबूल है..... कुबूल है /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
2788. *पूर्णिका*
2788. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
क्यूट हो सुंदर हो प्यारी सी लगती
क्यूट हो सुंदर हो प्यारी सी लगती
Jitendra Chhonkar
Loading...