Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Oct 2016 · 1 min read

समय बदलते सूखी धरती मुस्काती:: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट ५१)

मुक्तक

समय बदलते सूखी धरती मुस्काती जैसे बाला ।
नयी नवेली ओढ़ चुनरिया मदमाती जैसे बाला ।
सृष्टि — चक्र का घूर्णन निश्चित सुखद समय भी लाता यों
नवल प्रकृति की गोद — मोद में शर्माती जैसे बाली ।।५१!!
——- जितेन्द्र कमल आनंद

Language: Hindi
1 Comment · 327 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कहानी :#सम्मान
कहानी :#सम्मान
Usha Sharma
मौन मुसाफ़िर उड़ चला,
मौन मुसाफ़िर उड़ चला,
sushil sarna
पहले देखें, सोचें,पढ़ें और मनन करें,
पहले देखें, सोचें,पढ़ें और मनन करें,
DrLakshman Jha Parimal
जब सावन का मौसम आता
जब सावन का मौसम आता
लक्ष्मी सिंह
23/76.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/76.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Yuhi kisi ko bhul jana aasan nhi hota,
Yuhi kisi ko bhul jana aasan nhi hota,
Sakshi Tripathi
सच हमारे जीवन के नक्षत्र होते हैं।
सच हमारे जीवन के नक्षत्र होते हैं।
Neeraj Agarwal
दोहावली...(११)
दोहावली...(११)
डॉ.सीमा अग्रवाल
■ ज्यादा कौन लिखे?
■ ज्यादा कौन लिखे?
*Author प्रणय प्रभात*
जलाना आग में ना ही मुझे मिट्टी में दफनाना
जलाना आग में ना ही मुझे मिट्टी में दफनाना
VINOD CHAUHAN
मुहब्बत
मुहब्बत
बादल & बारिश
सर्दी में जलती हुई आग लगती हो
सर्दी में जलती हुई आग लगती हो
Jitendra Chhonkar
वेदना में,हर्ष  में
वेदना में,हर्ष में
Shweta Soni
हां मैं पागल हूं दोस्तों
हां मैं पागल हूं दोस्तों
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
बोलना , सुनना और समझना । इन तीनों के प्रभाव से व्यक्तित्व मे
बोलना , सुनना और समझना । इन तीनों के प्रभाव से व्यक्तित्व मे
Raju Gajbhiye
भारत बनाम इंडिया
भारत बनाम इंडिया
Harminder Kaur
ओझल मनुआ मोय
ओझल मनुआ मोय
श्रीहर्ष आचार्य
बाइस्कोप मदारी।
बाइस्कोप मदारी।
Satish Srijan
" पहला खत "
Aarti sirsat
साथ हो एक मगर खूबसूरत तो
साथ हो एक मगर खूबसूरत तो
ओनिका सेतिया 'अनु '
सरस्वती वंदना-3
सरस्वती वंदना-3
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
फूलों से हँसना सीखें🌹
फूलों से हँसना सीखें🌹
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अगर आप सही हैं, तो आपके साथ सही ही होगा।
अगर आप सही हैं, तो आपके साथ सही ही होगा।
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तुम मुझे बना लो
तुम मुझे बना लो
श्याम सिंह बिष्ट
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
हर शाखा से फूल तोड़ना ठीक नहीं है
हर शाखा से फूल तोड़ना ठीक नहीं है
कवि दीपक बवेजा
सावनी श्यामल घटाएं
सावनी श्यामल घटाएं
surenderpal vaidya
*भारत माता को नमन, अभिनंदन शत बार (कुंडलिया)*
*भारत माता को नमन, अभिनंदन शत बार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मुसीबतों को भी खुद पर नाज था,
मुसीबतों को भी खुद पर नाज था,
manjula chauhan
Loading...