समन्दर प्यार का अंदर
मेरे इन गीत गजलो में, तेरा ही चेहरा दीखता है
समन्दर प्यार का अंदर, बड़ा ही गहरा दीखता है।।
तेरा यू छोड़कर जाना,अकेला कर गया मुझको,
समय भी वही मुझको, अकेला ठहरा दीखता है।।
सभी है दोस्त लेकिन, दुश्मनी तेरी ही प्यारी है।
मेरे स्कूल की छोरी, लगे जग से न्यारी है।।
छुआ था एक पल उसने मुझे अपने हाथो से
छूना इक पल मुझे तेरा, मेरी पहली निशानी है।।