समझो तो समझो
?समझो तो समझो?
न इधर हमे समझो,,,,
न उधर हमे समझो,,,,
तुम हो मेरी जान जिधर,,,,
बस हमको उधर समझो,,,,1
ये न वक़्त की बातों का,,,,
ये न रक्त के नातो का,,,,
रिश्ता है तेरा मेरा जज्बातों का,,,,
न दागी घाती बस मितर समझो,,,2
बातों के फसाने है,,,,
हालातो के जमाने है,,,,
हाथ मे तेरे डोर दे दी,,,,
अब तो न शातिर समझो,,,,3
माना कि मजबूरी है,,,,
आना भी जरूरी है,,,,
तेरे मेरी जरूरत नही,,,,
बस वादे की खातिर समझो,,,,4
ये इश्क नही आसान,,,,
हम आदमी है न भगवान,,,
सोनु बस तुम्हारी है,,,,
गैरो की बातों में न काफिर समझो,,,,5
✍*सोनु जैन मंदसौर*