Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Feb 2017 · 1 min read

सभी मूर्तियाँ मिटटी निर्मित या केवल पाषण हैं

सभी मूर्तियाँ मिटटी निर्मित या केवल पाषण हैं,
मात्र भावना है यह मन की, इसीलिए भगवान हैं l

आदि काल से ही मानव ने किया स्रजन है,
छैनी और हतोड़ी का ही किया चयन है l

जाने कितनी प्रतिमाएं गढ़ गढ़ कर छोड़ी,
लेकिन कुछ में श्रद्धा मान किया अर्पण है l

प्राण प्रतिष्ठा हुई तभी तो, वे जग में पहिचान हैं ,
मात्र भावना है यह मन की, इसीलिए भगवान हैं l

द्रष्टि हमारी समुचित हो बस यही मानना,
मन पवित्र हो, बीएस वैसी ही बने भावना l

शीष झुकाया हर पत्थर शिव शंकर जैसा.
मन में ही विश्वास जगा, तब बनी धारणा l

घन्टे, घडियाले जब बजते, पाते तब सम्मान हैं,
मात्र भावना है यह मन की, इसीलिए भगवान हैं l

मन्त्र जगाया हमने ही तो जन मानस में,
श्रद्धा औ विश्वास जगाया है साहस में l

निष्ठा और लगन ने ही जब साथ दे दिया,
उन्हें बनाना सचमुच में अपने ही वश में l

ऊँचे आसन पर बैठाया, तब वे हुए महान हैं,
मात्र भावना है यह मन की, इसीलिए भगवान हैं l

जिनको हमने पूजा वह आराध्य हो गया,
साधन से जो मिला, वही तो साध्य हो गया l

रोली,चन्दन, अक्षत या नैवेद्य चढाया ,
मिली भावना, वर देने को वाध्य हो गयाl

हमने पूजा, सबने पूजा, अब देते वरदान हैं,
मात्र भावना है यह मन की, इसीलिए भगवान हैं l

— डॉ. हरिमोहन गुप्त

Language: Hindi
Tag: गीत
314 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
While proving me wrong, keep one thing in mind.
While proving me wrong, keep one thing in mind.
सिद्धार्थ गोरखपुरी
काश तुम मेरी जिंदगी में होते
काश तुम मेरी जिंदगी में होते
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कॉफ़ी की महक
कॉफ़ी की महक
shabina. Naaz
बाबा साहब अंबेडकर का अधूरा न्याय
बाबा साहब अंबेडकर का अधूरा न्याय
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
होली आ रही है रंगों से नहीं
होली आ रही है रंगों से नहीं
Ranjeet kumar patre
प्यार ना होते हुए भी प्यार हो ही जाता हैं
प्यार ना होते हुए भी प्यार हो ही जाता हैं
Jitendra Chhonkar
खुद की तलाश में मन
खुद की तलाश में मन
Surinder blackpen
बेटी और प्रकृति, ईश्वर की अद्भुत कलाकृति।
बेटी और प्रकृति, ईश्वर की अद्भुत कलाकृति।
लक्ष्मी सिंह
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
subhash Rahat Barelvi
खुश है हम आज क्यों
खुश है हम आज क्यों
gurudeenverma198
????????
????????
शेखर सिंह
कब भोर हुई कब सांझ ढली
कब भोर हुई कब सांझ ढली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
#गुलमोहरकेफूल
#गुलमोहरकेफूल
कार्तिक नितिन शर्मा
*चार साल की उम्र हमारी ( बाल-कविता/बाल गीतिका )*
*चार साल की उम्र हमारी ( बाल-कविता/बाल गीतिका )*
Ravi Prakash
"धन वालों मान यहाँ"
Arise DGRJ (Khaimsingh Saini)
दोस्ती ना कभी बदली है ..न बदलेगी ...बस यहाँ तो लोग ही बदल जा
दोस्ती ना कभी बदली है ..न बदलेगी ...बस यहाँ तो लोग ही बदल जा
DrLakshman Jha Parimal
वो क्या देंगे साथ है,
वो क्या देंगे साथ है,
sushil sarna
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*Author प्रणय प्रभात*
परवरिश
परवरिश
Dr. Pradeep Kumar Sharma
इंक़लाब आएगा
इंक़लाब आएगा
Shekhar Chandra Mitra
“Do not be afraid of your difficulties. Do not wish you coul
“Do not be afraid of your difficulties. Do not wish you coul
पूर्वार्थ
अल्फाज़.......दिल के
अल्फाज़.......दिल के
Neeraj Agarwal
"अहसास के पन्नों पर"
Dr. Kishan tandon kranti
*अपना अंतस*
*अपना अंतस*
Rambali Mishra
"आंखरी ख़त"
Lohit Tamta
आदिपुरुष फ़िल्म
आदिपुरुष फ़िल्म
Dr Archana Gupta
रेशम की डोर राखी....
रेशम की डोर राखी....
राहुल रायकवार जज़्बाती
" भूलने में उसे तो ज़माने लगे "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
गुरुवर तोरे‌ चरणों में,
गुरुवर तोरे‌ चरणों में,
Kanchan Khanna
हिन्दी में ग़ज़ल की औसत शक़्ल? +रमेशराज
हिन्दी में ग़ज़ल की औसत शक़्ल? +रमेशराज
कवि रमेशराज
Loading...