Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Feb 2021 · 1 min read

सब यहीं धरा रह जाएगा

सब यहीं धरा रह जाएगा

सब यहीं धरा रह जाएगा

तू साथ क्या ले जाएगा

फिर रौब किस बात का

न सिकंदर रहा न अकबर रहा

क्या कार क्या मकान क्या

अच्छी चल रही दुकान क्या

क्यों भागता तू फिर रहा

आखिर अंत क्या तू पाएगा

मन से तू राग द्वेष छोड़

हो सके तो सबको गले लगा

चार दिन की जिन्दगी

तू साथ क्या ले जाएगा

रिश्तों से पीछा छोड़कर

कहाँ तक तू भाग पायेगा

यूं ही अकेला रह जाएगा

यूं ही अकेला मर जाएगा

अपनों का दामन छोड़ न

रिश्तों से मुंह तू मोड़ न

पीछे जो मुड़कर देख लेगा

हाथ न कुछ आएगा

राम क्या अल्लाह क्या

सभी ने हमको एक राह दी

तू धर्म के नाम पर लड़ रहा

क्या ख़ाक मोक्ष तू पायेगा

क्यूं करे तू हिन्दू मुसलमां

क्यूं करे तू तेरा मेरा

रिश्तों की जो लड़ी न बनी तो

बिखर – बिखर रह जाएगा

जो सत्य का आँचल न हो तो

कैसा जीवन तू पायेगा

आध्यात्म की जो छाँव न हो

भटक – भटक रह जाएगा

पीर दिल की न मिटेगी

तड़प – तड़प रह जाएगा

सोच अपने अस्तित्व की तू

वर्ना यहीं सड़ जाएगा

राह जीवन की संवार तू

वर्ना जंगली हो जाएगा

Language: Hindi
215 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all
You may also like:
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बेटा बेटी का विचार
बेटा बेटी का विचार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
उदास आँखों से जिस का रस्ता मैं एक मुद्दत से तक रहा था
उदास आँखों से जिस का रस्ता मैं एक मुद्दत से तक रहा था
Aadarsh Dubey
गवाह तिरंगा बोल रहा आसमान 🇧🇴
गवाह तिरंगा बोल रहा आसमान 🇧🇴
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
“एक नई सुबह आयेगी”
“एक नई सुबह आयेगी”
पंकज कुमार कर्ण
चिढ़ है उन्हें
चिढ़ है उन्हें
Shekhar Chandra Mitra
तंग गलियों में मेरे सामने, तू आये ना कभी।
तंग गलियों में मेरे सामने, तू आये ना कभी।
Manisha Manjari
आब दाना
आब दाना
Satish Srijan
Yu hi wakt ko hatheli pat utha kar
Yu hi wakt ko hatheli pat utha kar
Sakshi Tripathi
चलो मैं आज अपने बारे में कुछ बताता हूं...
चलो मैं आज अपने बारे में कुछ बताता हूं...
Shubham Pandey (S P)
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के अन्तर्विरोध
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के अन्तर्विरोध
कवि रमेशराज
जब लोग आपसे खफा होने
जब लोग आपसे खफा होने
Ranjeet kumar patre
नियम
नियम
Ajay Mishra
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*Author प्रणय प्रभात*
3179.*पूर्णिका*
3179.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*शीत वसंत*
*शीत वसंत*
Nishant prakhar
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
कहीं खूबियां में भी खामियां निकाली जाती है, वहीं कहीं  कमियो
कहीं खूबियां में भी खामियां निकाली जाती है, वहीं कहीं कमियो
Ragini Kumari
सावन के झूलें कहे, मन है बड़ा उदास ।
सावन के झूलें कहे, मन है बड़ा उदास ।
रेखा कापसे
दीप शिखा सी जले जिंदगी
दीप शिखा सी जले जिंदगी
Suryakant Dwivedi
'आप ' से ज़ब तुम, तड़ाक,  तूँ  है
'आप ' से ज़ब तुम, तड़ाक, तूँ है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
आज बेरोजगारों की पहली सफ़ में बैठे हैं
आज बेरोजगारों की पहली सफ़ में बैठे हैं
दुष्यन्त 'बाबा'
हमें
हमें
sushil sarna
💐प्रेम कौतुक-519💐
💐प्रेम कौतुक-519💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मायूस ज़िंदगी
मायूस ज़िंदगी
Ram Babu Mandal
#नैमिषारण्य_यात्रा
#नैमिषारण्य_यात्रा
Ravi Prakash
त्याग
त्याग
Punam Pande
फंस गया हूं तेरी जुल्फों के चक्रव्यूह मैं
फंस गया हूं तेरी जुल्फों के चक्रव्यूह मैं
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
तुम रंगदारी से भले ही,
तुम रंगदारी से भले ही,
Dr. Man Mohan Krishna
*बदलना और मिटना*
*बदलना और मिटना*
Sûrëkhâ Rãthí
Loading...