सब तूने ही दिया तो है
सब तूने ही दिया तो है
जमाने ने ठुकराया है तो क्या हुआ,,,,,,
तुझ जैसे दोस्त ने अपनाया तो है।।
छम छम बरसती बारिश में दिल बहुत उदास हुआ है,,,,,,,,
आँखों से गिरते अश्कों को तुमने पहचान तो है।।।।।
खड़े थे हजारो के भीड़ में चुप कोई न साथ हुआ है।
तुमने करीब आकर हमे पहचाना तो है।।।।।
जिंदगी का न जाने कैसे कैसे हम पर सितम हुआ है,,,
तुमने मुस्कुराने का हमको हक दिया तो है।
साथ छोड़ देते है क्यो लोग जाने क्या हुआ है।
तुमने दी पहचान तुम्हारी मोहब्बत का ही तौफा दिया तो है।।
सोनू के आँखों मे अश्कों का जमघट हुआ है,,,
बेशुमार मोहब्बत करने की सजा का यार ने दर्द दिया तो है।।।।
रचनाकार गायत्री सोनू जैन
सहायक अध्यापिका मंदसौर
मोबाइल नंबर 7772931211