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30 Jan 2018 · 1 min read

सब चोर लुटेरे क्या गाऊं

घनघोर अंधेरे क्या गाऊं l
सब चोर लुटेरे क्या गाऊं ll
दुनिया में सपने बिकते हैं l
जेब भी खाली क्या गाऊं ll

तिरंगा भी लहराता हूं l
जन गण मन भी गाता हूं ll
टूटे सपनों का दर्द लिए l
आंसू अपने कहां छुपाऊं ll

जिस पर भी विश्वास किया l
उसने ही छला प्रहार किया ll
प्रजातंत्र में राजा हूं पर l
सेवक तक में पहुंच न पाऊं ll

संजय सिंह सलिल’
प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश ll

Language: Hindi
1 Like · 403 Views
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