Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2021 · 1 min read

सबसे बड़ी चुप।

चुप रहना एक समझदारी भी है।और चुप रहना, एक कायरता भी है।अलग अलग अवस्था ओ का उल्लेख करती है।आज समय की क्या मांग है।समय के साथ चलते रहना भी एक समझदारी है।पर? समय अत्याचारों एवं अनाचारों के दौर से गुजर रहा है।तब हम क्या समय के साथ बहते रहे। चुप रहना भी एक साधना भी है।कि कोई इन्सान मौन धारण करता है।कि उसको बाणी की सिद्धि हो जाते ।तब हम लम्बे समय तक चुप रहते हैं।तो वह साधना का रुप ले लेती है। लेकिन जब काम को अत्याचार के रूप में बदलते है ।तब हम उसका सही तरीके से विरोध नही कर सकते हैं।और चुप रह कर सहन करते रहते हैं।तब हमारा चुप रहना मानवता को चुनौती देता है।और चुनौती को , केवल वीर मनुष्य ही गम्भीरता से लेता है। वीर मनुष्य अत्याचार को बढ़ते हुए देखकर वह चुप नही रह सकता है ।वह उस अत्याचार का विरोध अपनी अंतिम सांस तक करता रहता है। यहीं वीरता की निशानी है।

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Comment · 245 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुस्कुराओ तो सही
मुस्कुराओ तो सही
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
💐 Prodigy Love-27💐
💐 Prodigy Love-27💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जिंदगी माना कि तू बड़ी खूबसूरत है ,
जिंदगी माना कि तू बड़ी खूबसूरत है ,
Manju sagar
गुरुकुल स्थापित हों अगर,
गुरुकुल स्थापित हों अगर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हम सब मिलकर, ऐसे यह दिवाली मनाये
हम सब मिलकर, ऐसे यह दिवाली मनाये
gurudeenverma198
#गणपति_बप्पा_मोरया
#गणपति_बप्पा_मोरया
*Author प्रणय प्रभात*
फितरत
फितरत
मनोज कर्ण
मानवीय कर्तव्य
मानवीय कर्तव्य
DR ARUN KUMAR SHASTRI
परमेश्वर का प्यार
परमेश्वर का प्यार
ओंकार मिश्र
मेरे पिता मेरा भगवान
मेरे पिता मेरा भगवान
Nanki Patre
विद्या-मन्दिर अब बाजार हो गया!
विद्या-मन्दिर अब बाजार हो गया!
Bodhisatva kastooriya
कैसी है ये जिंदगी
कैसी है ये जिंदगी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
जिसने हर दर्द में मुस्कुराना सीख लिया उस ने जिंदगी को जीना स
जिसने हर दर्द में मुस्कुराना सीख लिया उस ने जिंदगी को जीना स
Swati
अरे लोग गलत कहते हैं कि मोबाइल हमारे हाथ में है
अरे लोग गलत कहते हैं कि मोबाइल हमारे हाथ में है
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
खुशी पाने का जरिया दौलत हो नहीं सकता
खुशी पाने का जरिया दौलत हो नहीं सकता
नूरफातिमा खातून नूरी
2750. *पूर्णिका*
2750. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वक्त के साथ-साथ चलना मुनासिफ है क्या
वक्त के साथ-साथ चलना मुनासिफ है क्या
कवि दीपक बवेजा
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
खुला आसमान
खुला आसमान
Surinder blackpen
हमारे पास हार मानने के सभी कारण थे, लेकिन फिर भी हमने एक-दूस
हमारे पास हार मानने के सभी कारण थे, लेकिन फिर भी हमने एक-दूस
पूर्वार्थ
आदमी और मच्छर
आदमी और मच्छर
Kanchan Khanna
*कृपा प्रभु की है जो सॉंसों का, क्रम हर क्षण चलाते हैं (मुक्
*कृपा प्रभु की है जो सॉंसों का, क्रम हर क्षण चलाते हैं (मुक्
Ravi Prakash
రామయ్య మా రామయ్య
రామయ్య మా రామయ్య
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
हो तेरी ज़िद
हो तेरी ज़िद
Dr fauzia Naseem shad
वह आवाज
वह आवाज
Otteri Selvakumar
बारिश की संध्या
बारिश की संध्या
महेश चन्द्र त्रिपाठी
कैद अधरों मुस्कान है
कैद अधरों मुस्कान है
Dr. Sunita Singh
"मेरी नयी स्कूटी"
Dr Meenu Poonia
मैं उसका ही आईना था जहाँ मोहब्बत वो मेरी थी,तो अंदाजा उसे कह
मैं उसका ही आईना था जहाँ मोहब्बत वो मेरी थी,तो अंदाजा उसे कह
AmanTv Editor In Chief
कैसा कोलाहल यह जारी है....?
कैसा कोलाहल यह जारी है....?
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
Loading...