Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Apr 2020 · 1 min read

सहमें लोग !

लोग !
सहमें हुए हैं आज !
घरों में ,
सहसा सशंकित अनायास ,
भयाक्रांत !
तत्क्षण आभास
अनिश्चित सिहरन काल मृत्यु चक्र का ,
यह सोचकर कि कहीं बरस रहा है आग का गोला !
कहीं नभ से गिरते परमाणुओं की आहट तो नहीं !
पर किंचित् नहीं कहीं …
वे दिन चले गए
वैश्विक होड़ में जैविक युद्ध हो चुकी समाहित ,
हो चुका आरम्भ …
मानव पर मानव का प्रहार !
वर्षों से
लालायित
असंख्य सभ्यता लीलने को !
आज !!!
हार रही मानवता क्षण-क्षण ,
अस्तित्व के पड़ चुके हैं लाले ;
संवहित , अध्यारोपित एक वायरस से !

,✍? आलोक पाण्डेय

Language: Hindi
1 Comment · 302 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चतुर लोमड़ी
चतुर लोमड़ी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
The blue sky !
The blue sky !
Buddha Prakash
डॉ अरुण कुमार शास्त्री – एक अबोध बालक // अरुण अतृप्त
डॉ अरुण कुमार शास्त्री – एक अबोध बालक // अरुण अतृप्त
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चिड़िया!
चिड़िया!
सेजल गोस्वामी
'सवालात' ग़ज़ल
'सवालात' ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
एक बिहारी सब पर भारी!!!
एक बिहारी सब पर भारी!!!
Dr MusafiR BaithA
खत उसनें खोला भी नहीं
खत उसनें खोला भी नहीं
Sonu sugandh
"तुम्हारी हंसी" (Your Smile)
Sidhartha Mishra
तुम वादा करो, मैं निभाता हूँ।
तुम वादा करो, मैं निभाता हूँ।
अजहर अली (An Explorer of Life)
मेरे भोले भण्डारी
मेरे भोले भण्डारी
Dr. Upasana Pandey
🐼आपकों देखना🐻‍❄️
🐼आपकों देखना🐻‍❄️
Vivek Mishra
यूं ही हमारी दोस्ती का सिलसिला रहे।
यूं ही हमारी दोस्ती का सिलसिला रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
चलो चलाए रेल।
चलो चलाए रेल।
Vedha Singh
💐प्रेम कौतुक-503💐
💐प्रेम कौतुक-503💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
2768. *पूर्णिका*
2768. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*आजादी का अर्थ है, हिंदी-हिंदुस्तान (कुंडलिया)*
*आजादी का अर्थ है, हिंदी-हिंदुस्तान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तुम हमेशा से  मेरा आईना हो॥
तुम हमेशा से मेरा आईना हो॥
कुमार
एक पते की बात
एक पते की बात
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
■ आज का शेर-
■ आज का शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
बुढ़ादेव तुम्हें नमो-नमो
बुढ़ादेव तुम्हें नमो-नमो
नेताम आर सी
भले ही शरीर में खून न हो पर जुनून जरूर होना चाहिए।
भले ही शरीर में खून न हो पर जुनून जरूर होना चाहिए।
Rj Anand Prajapati
मेरा गांव
मेरा गांव
Anil "Aadarsh"
कौन कितने पानी में
कौन कितने पानी में
Mukesh Jeevanand
दिल जीत लेगी
दिल जीत लेगी
Dr fauzia Naseem shad
गायें गौरव गान
गायें गौरव गान
surenderpal vaidya
जब मुझसे मिलने आना तुम
जब मुझसे मिलने आना तुम
Shweta Soni
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
हवाओं के भरोसे नहीं उड़ना तुम कभी,
हवाओं के भरोसे नहीं उड़ना तुम कभी,
Neelam Sharma
चांद से गुज़ारिश
चांद से गुज़ारिश
Shekhar Chandra Mitra
Loading...