Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Sep 2017 · 1 min read

” ————————————————- सबकी आंखें गीली ” !!

नही बाल्यपन रहा सुरक्षित, सोच हुई जहरीली !
ममता यहां गुहार लगाये , सबकी आंखें गीली

विद्यालय में कहां है दीक्षा , साधन आमदनी के !
जागी आंखों के सपने हैं , दुनिया है सपनीली !!

सरकारें बेदम लगती अब , हैं शिक्षा शिक्षक कोरे !
खाना , पुस्तक और वजीफा , लागे नीति सजीली !!

गुरु हुआ गूगल अब देखो , घटी महत्ता गुरु की !
मात पिता का घटा दायरा , हुई व्यवस्था ढीली !!

” काम ” यहां सिर चढ़ता दिखता , कोई नहीं अछूता !
धर्म समाज हुऐ दूषित हैं , नीयत हुई हठीली !!

गिरते रोज चरित्र अनेक हैं , गिरती है नैतिकता !
लाज संकोच नहीं शेष यों , पछुआ हवा रंगीली !!

दोस्त हमें अब बनना होगा , साहस भरना होगा !
नई पीढियां लड़ पायेगीं , राहें मिले कटीली !!

बृज व्यास

Language: Hindi
Tag: गीत
439 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ମାଟିରେ କିଛି ନାହିଁ
ମାଟିରେ କିଛି ନାହିଁ
Otteri Selvakumar
प्रेम छिपाये ना छिपे
प्रेम छिपाये ना छिपे
शेखर सिंह
मोर
मोर
Manu Vashistha
वो कपटी कहलाते हैं !!
वो कपटी कहलाते हैं !!
Ramswaroop Dinkar
सोशल मीडिया पर दूसरे के लिए लड़ने वाले एक बार ज़रूर पढ़े…
सोशल मीडिया पर दूसरे के लिए लड़ने वाले एक बार ज़रूर पढ़े…
Anand Kumar
अभिनय चरित्रम्
अभिनय चरित्रम्
मनोज कर्ण
*देह का दबाव*
*देह का दबाव*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बदली है मुफ़लिसी की तिज़ारत अभी यहाँ
बदली है मुफ़लिसी की तिज़ारत अभी यहाँ
Mahendra Narayan
गीतिका
गीतिका
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
🙅लघुकथा/दम्भ🙅
🙅लघुकथा/दम्भ🙅
*Author प्रणय प्रभात*
श्री राम भजन
श्री राम भजन
Khaimsingh Saini
💐प्रेम कौतुक-312💐
💐प्रेम कौतुक-312💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
23/85.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/85.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
फिर वही शाम ए गम,
फिर वही शाम ए गम,
ओनिका सेतिया 'अनु '
मेरे फितरत में ही नहीं है
मेरे फितरत में ही नहीं है
नेताम आर सी
बेइंतहा सब्र बक्शा है
बेइंतहा सब्र बक्शा है
Dheerja Sharma
जिगर धरती का रखना
जिगर धरती का रखना
Kshma Urmila
!! हे लोकतंत्र !!
!! हे लोकतंत्र !!
Akash Yadav
खानदानी चाहत में राहत🌷
खानदानी चाहत में राहत🌷
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दिव्य ज्ञान~
दिव्य ज्ञान~
दिनेश एल० "जैहिंद"
*रणवीर धनुर्धारी श्री राम हमारे हैं【हिंदी गजल/गीतिका】*
*रणवीर धनुर्धारी श्री राम हमारे हैं【हिंदी गजल/गीतिका】*
Ravi Prakash
लिखें और लोगों से जुड़ना सीखें
लिखें और लोगों से जुड़ना सीखें
DrLakshman Jha Parimal
"रफ-कॉपी"
Dr. Kishan tandon kranti
(2) ऐ ह्रदय ! तू गगन बन जा !
(2) ऐ ह्रदय ! तू गगन बन जा !
Kishore Nigam
कितना कुछ सहती है
कितना कुछ सहती है
Shweta Soni
तानाशाहों का हश्र
तानाशाहों का हश्र
Shekhar Chandra Mitra
अपनी-अपनी दिवाली
अपनी-अपनी दिवाली
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कोई उम्मीद किसी से,तुम नहीं करो
कोई उम्मीद किसी से,तुम नहीं करो
gurudeenverma198
हवन
हवन
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
कपूत।
कपूत।
Acharya Rama Nand Mandal
Loading...