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22 Jul 2020 · 1 min read

सफर जारी रखो

मंजिल है अभी दूर सफर जारी रखो ।
है हौसला भरपूर सफर जारी रखो ।।

न सोचो किनारा ही खुद आएगा सामने ।
इस मद में न हो चूर सफर जारी रखो ।।

चिंता चिता समान है बस छोड़ दो इसे ।
सलामत रहेगा नूर सफर जारी रखो ।।

लेकर मशाल चलते रहो राह गुज़र में ।
अंधेरे होंगे काफूर सफर जारी रखो ।।

ओछी नदी इतराती है बरसात के समय ।
उतरता है जल्दी पूर सफर जारी रखो ।।

खुद ही अपना काम जरा करके तो देखो ।
कब आएगा मजदूर सफर जारी रखो ।।

कुत्ते तो राहगीर को भौंकेंगे हर गली ।
आदत से है मजबूर सफर जारी रखो ।।

पहले वो चरण चाटते थे सब हैं जानते ।
अब हो गए हजूर सफर जारी रखो ।।

भुखमरे के हाथ में एक रोटी आ गई ।
बस हो गया मगरूर सफर जारी रखो ।।
✍️सतीश शर्मा ।

Language: Hindi
4 Likes · 4 Comments · 585 Views
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