Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Dec 2018 · 2 min read

सन्नाटे का शोर

सूरज की रौशनी मंद हुई
साझ फैली हर ओर

रात का अँधेरा फैलेगा

हर तरफ होगा ,सन्नाटे का शोर।।

हर पथिक के बढ़ने लगे तेजी से

कदम मंजिल के ओर

क्योंकि रात का अँधेरा फैलायेगा

हर तरफ होगा ,सन्नाटे का शोर।।

एक हवा बहने लगी जानी-पहचानी सी

उसका एहसास दिल पर लगा

धड़कने रही अनजानी सी

अचानक दिल में मची एक शोर

ख़ामोशी से फैल गया ,सन्नाटे का शोर।।

एक शीशा छन से टुटा

टूट गयी विश्वास की डोर

एक टीस सी दिल में उठी

फिर मचा सन्नाटे का शोर।।

बंध गयी जाने कैसी

हममे एहसास की डोर

पता न चला कैसे बढे मेरे कदम इस ओर

एक तरफ है सबका विश्वास

एक तरफ तन्हा सा वजूद

किधर पग बढ़ाऊ मै

पागलो सी मै पूछ पड़ी

तू ही बता ए सन्नाटे का शोर।।

खामोशी जैसे सन्नाटे की टूटी

ली जैसे उसने अंगड़ाई

अचानक इस आहट से मै

दिल ही दिल घबराई

पहले तो वो थोड़ी झिझकी

फिर जो शुरू की वो कहना

मै चुप सी बैठ गयी

पलके मेरी मानो जैसे

भूल गयी झपकाना

कहना जो उसने शुरू किया

टुटा न उसकी बातों का डोर

मै बूत सी बैठी सुनती रही

उस सन्नाटे का शोर।।

ईश्वर ने बड़े शौख से

रचना की मानुष देह की

उसके बनाये दो आँख

उन आँखों को दे दिए

देखने को हजारों ख्वाब

पर कोई ख्वाब क्यों अधूरा रहता है

कोई अपना बनकर क्यों

दूर जाने को कहता है

शायद इसलिये की हर पल

कुदरत को तुम याद करो

अपनों की जिंदगी की फरियाद करो

लेके कुदरत का नाम

आगे तो कदम बढ़ाओ

उम्मीद है कि शायद तुम

बढ़ोगे उजाले की ओर

यही सन्देश देता गया

मुझे सन्नाटे का शोर।।

Language: Hindi
2 Likes · 500 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गीत, मेरे गांव के पनघट पर
गीत, मेरे गांव के पनघट पर
Mohan Pandey
कहीं ख्वाब रह गया कहीं अरमान रह गया
कहीं ख्वाब रह गया कहीं अरमान रह गया
VINOD CHAUHAN
‘ विरोधरस ‘---6. || विरोधरस के उद्दीपन विभाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---6. || विरोधरस के उद्दीपन विभाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
क्या बचा  है अब बदहवास जिंदगी के लिए
क्या बचा है अब बदहवास जिंदगी के लिए
सिद्धार्थ गोरखपुरी
गुस्सा
गुस्सा
Sûrëkhâ Rãthí
कवि मोशाय।
कवि मोशाय।
Neelam Sharma
चांद पर चंद्रयान, जय जय हिंदुस्तान
चांद पर चंद्रयान, जय जय हिंदुस्तान
Vinod Patel
राम
राम
Suraj Mehra
ये दुनिया सीधी-सादी है , पर तू मत टेढ़ा टेढ़ा चल।
ये दुनिया सीधी-सादी है , पर तू मत टेढ़ा टेढ़ा चल।
सत्य कुमार प्रेमी
स्वास विहीन हो जाऊं
स्वास विहीन हो जाऊं
Ravi Ghayal
मेरा केवि मेरा गर्व 🇳🇪 .
मेरा केवि मेरा गर्व 🇳🇪 .
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
इन्द्रधनुष
इन्द्रधनुष
Dheerja Sharma
*स्वतंत्रता आंदोलन में रामपुर निवासियों की भूमिका*
*स्वतंत्रता आंदोलन में रामपुर निवासियों की भूमिका*
Ravi Prakash
■ 24 घण्टे चौधराहट।
■ 24 घण्टे चौधराहट।
*Author प्रणय प्रभात*
किताबें भी बिल्कुल मेरी तरह हैं
किताबें भी बिल्कुल मेरी तरह हैं
Vivek Pandey
"बोली-दिल से होली"
Dr. Kishan tandon kranti
पंक्ति में व्यंग कहां से लाऊं ?
पंक्ति में व्यंग कहां से लाऊं ?
goutam shaw
💐प्रेम कौतुक-211💐
💐प्रेम कौतुक-211💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
2303.पूर्णिका
2303.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
पिछले 4 5 सालों से कुछ चीजें बिना बताए आ रही है
पिछले 4 5 सालों से कुछ चीजें बिना बताए आ रही है
Paras Mishra
सच ही सच
सच ही सच
Neeraj Agarwal
मेरी रातों की नींद क्यों चुराते हो
मेरी रातों की नींद क्यों चुराते हो
Ram Krishan Rastogi
आप सभी को महाशिवरात्रि की बहुत-बहुत हार्दिक बधाई..
आप सभी को महाशिवरात्रि की बहुत-बहुत हार्दिक बधाई..
आर.एस. 'प्रीतम'
"नवरात्रि पर्व"
Pushpraj Anant
प्रेम का प्रदर्शन, प्रेम का अपमान है...!
प्रेम का प्रदर्शन, प्रेम का अपमान है...!
Aarti sirsat
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सपने
सपने
Divya kumari
🔥वक्त🔥
🔥वक्त🔥
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
आप हँसते हैं तो हँसते क्यूँ है
आप हँसते हैं तो हँसते क्यूँ है
Shweta Soni
Loading...