सनम
कोई खता हो सनम तो केह दो.
मेरी तमन्ना को रख दो.
बाकौल हो रही मेरी आरजु से जुस्तजू.
अपनी दिल की गहराईयों को कह दो.
उड़ चल तेरे इश्क के बवंडर.
मेरे हाथोे को थाम लो.
कही बह ना जाऊं तेरे ख्यालो की रुह में.
अपनी दिल की गहराईयों को कह दो.
अवधेश कुमार राय (अवध)