Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Oct 2016 · 3 min read

सड़क छाप पत्रकार

प्यारे दद्दू,

हम हियाँ एकदम ठीक हैं। घर से चलते बखत आप हमसे बोले थे कि बेटा वैज्ञानिक बन जाना, टीचर बन जाना, अधिकारी बन जाना, डाक्टर बन जाना। हमने कोशिश की कि कम्प्यूटर इन्जीनियर बन जाएँ, होटल मेनेजर बन जाएँ, मुनीम बन जाएँ, लेकिन कुछ भी न बन पाए दद्दू, हम कुछ भी न बन पाए। हमें ये एहसास हो गया था दद्दू कि हम कुछऊ करने के लायक नहीं हैं।इसलिए हम पत्रकार बन गए हैं दद्दू।

आप जमीन की क़िस्त के लिए जो पईसा भेजे थे उस से नया मोबाइल फ़ोन खरीद लिए हैं। हमें ये आइडिया बढ़िया लगा। पैसा खर्च का खर्च हुई गया और हाथ के हाथ में रहा। ये पत्रकारिता बड़ा गज्जब का काम है दद्दू। बहुत मजा आ रहा है।

हमने सुना है कि एक ठो टाइम था जब लोग इस पेशे को दुनिया को बदलने के लिए चुनते थे। चाहे उनकी जेब में पईसे नहीं होते थे, लेकिन गलत को सही करने का, गरीब की आवाज उठाने का, जूनून होता था। हमें बड़ी खुसी हुई दद्दू, ये जान के कि वो मनहूस टाइम अब ख़तम हुई गया है।

हमारा ऑफिस अन्दर से बिलकुल उस थ्री स्टार होटल के जईसा लगता है हमने गुडिया का रिसेप्शन करवाया था। हमाये पास अपना पर्सनल क्यूबिकल है, और अब तो गाड़ी भी है, ठीक वैसी जैसी नन्हे चाचा ने ज़िन्दगी भर काम कर के रिटायर्मेंट के पहले खरीदी थी। उनको उत्ता टाइम लगा, देखो हमें इत्ता टाइम लगा। हमाये पास अपना कंप्यूटर है।

पत्रकारिता का काम बिलकुल आसान है, दद्दू। हम दिन भर टाइम पास करते रहते हैं, दफ्तर में इधर की उधर करते रहते हैं और चाय सुड़कते रहते हैं। उत्ती अच्छी नहीं होती जित्ती अम्मा के हाथ की चाय होती थी लेकिन मुफ्त की होती है ना! पत्रकारिता में आके हमने सबसे बड़ा ज्ञान ये पाया है की मुफ्त का चन्दन, घिस मेरे लल्ला, मुफ्त का चन्दन घिस मेरे लल्ला।

दिन भर हमारे पास प्रेस विज्ञप्ति आती रहती है और हम मेज़ पे टांग धरे बैठे रहते हैं। शाम को जो ख़बर हमें लिखने को दी जाती है, उसकी प्रेस विज्ञप्ति से हैडलाइन काट के पूरी ज्यों की त्यों नक़ल कर लेते हैं, बस! और ज्यादा काम करने का मूड हुआ तो टीवी देख देख के दो चार खबर टीप लेते हैं। नए जमाने का रिपोर्टर रिपोर्टिंग करने गाँव शेहेर चला गया तो उसकी हनक बनेगी क्या, दद्दू? हम कोई फालतू हैं क्या? पत्रकारिता के बारे में सबसे बढ़िया बात ये है दद्दू, की हमने अपनी अकाल से सोचना बंद कर दिया है।

हमारी अब तक की सबसे शानदार स्टोरी थी मंत्री जी के कुत्ते के खो जाने के बारे में। सारे पुलिस वाले लाइन पे आ गए थे। गंदे गरीब लोगों की स्टोरी करना हमें पसंद नहीं है दद्दू, अपने अपने टेस्ट की बात है, हाँ नहीं तो ।

आप हमारे खाने पीने की एकदम चिंता मत करियेगा दद्दू। हम अपना पूरा ख्याल रख रहे हैं। हम पूरी पूरी कोशिश करते हैं कि अगर मन मार के दफ्तर से निकलना भी पड़े तो ऐसी प्रेस कांफ्रेंस में जाएँ जो या तो लंच के टाइम या डिनर के टाइम हो और जहाँ गिफ्ट भी मिल रही हो। हमें लग रहा है हम इस लाइन में बहुत आगे जायेंगे दद्दू। बस आपका आशीर्वाद रहे। बाकी हम किला फ़तेह कर के दिखायेंगे।

आपका सुपुत्र

सड़क छाप

Story by:- Abhinav Saxena (8126661493)

Language: Hindi
235 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जब मां भारत के सड़कों पर निकलता हूं और उस पर जो हमे भयानक गड
जब मां भारत के सड़कों पर निकलता हूं और उस पर जो हमे भयानक गड
Rj Anand Prajapati
2788. *पूर्णिका*
2788. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Transparency is required to establish a permanent relationsh
Transparency is required to establish a permanent relationsh
DrLakshman Jha Parimal
हमसे बात ना करो।
हमसे बात ना करो।
Taj Mohammad
दिल है के खो गया है उदासियों के मौसम में.....कहीं
दिल है के खो गया है उदासियों के मौसम में.....कहीं
shabina. Naaz
ऋतुराज
ऋतुराज
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
माँ भारती वंदन
माँ भारती वंदन
Kanchan Khanna
मजहब
मजहब
Dr. Pradeep Kumar Sharma
अर्थपुराण
अर्थपुराण
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सत्य बोलना,
सत्य बोलना,
Buddha Prakash
झुका के सर, खुदा की दर, तड़प के रो दिया मैने
झुका के सर, खुदा की दर, तड़प के रो दिया मैने
Kumar lalit
जपू नित राधा - राधा नाम
जपू नित राधा - राधा नाम
Basant Bhagawan Roy
प्रिय विरह - २
प्रिय विरह - २
लक्ष्मी सिंह
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
लेखक
लेखक
Shweta Soni
धर्म के रचैया श्याम,नाग के नथैया श्याम
धर्म के रचैया श्याम,नाग के नथैया श्याम
कृष्णकांत गुर्जर
#निर्विवाद...
#निर्विवाद...
*Author प्रणय प्रभात*
सच तो हम इंसान हैं
सच तो हम इंसान हैं
Neeraj Agarwal
*सच्चे  गोंड और शुभचिंतक लोग...*
*सच्चे गोंड और शुभचिंतक लोग...*
नेताम आर सी
वर्तमान
वर्तमान
Shyam Sundar Subramanian
*हम बच्चे हिंदुस्तान के { बालगीतिका }*
*हम बच्चे हिंदुस्तान के { बालगीतिका }*
Ravi Prakash
लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी
लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी
Dr Tabassum Jahan
प्रेम तुम्हारा ...
प्रेम तुम्हारा ...
डॉ.सीमा अग्रवाल
सूखी नहर
सूखी नहर
मनोज कर्ण
मार   बेरोजगारी   की   सहते  रहे
मार बेरोजगारी की सहते रहे
अभिनव अदम्य
इशारों इशारों में ही, मेरा दिल चुरा लेते हो
इशारों इशारों में ही, मेरा दिल चुरा लेते हो
Ram Krishan Rastogi
💐अज्ञात के प्रति-107💐
💐अज्ञात के प्रति-107💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
पर्वत 🏔️⛰️
पर्वत 🏔️⛰️
डॉ० रोहित कौशिक
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मां मेरे सिर पर झीना सा दुपट्टा दे दो ,
मां मेरे सिर पर झीना सा दुपट्टा दे दो ,
Manju sagar
Loading...