Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jul 2016 · 1 min read

*सच की आदत*

सच की आदत बहुत बुरी है
कड़वी ये इक तेज छुरी है
कलियुग में अपराध मगर
नैतिकता की नेक धुरी है
धर्मेन्द्र अरोड़ा

Language: Hindi
455 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
2472.पूर्णिका
2472.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
✍️गहरी बात✍️
✍️गहरी बात✍️
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
दोहे-*
दोहे-*
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
अपनी सरहदें जानते है आसमां और जमीन...!
अपनी सरहदें जानते है आसमां और जमीन...!
Aarti sirsat
पुलिस की ट्रेनिंग
पुलिस की ट्रेनिंग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बेपरवाह खुशमिज़ाज़ पंछी
बेपरवाह खुशमिज़ाज़ पंछी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
नारी
नारी
Acharya Rama Nand Mandal
■ क़तआ (मुक्तक)
■ क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
🚩अमर कोंच-इतिहास
🚩अमर कोंच-इतिहास
Pt. Brajesh Kumar Nayak
भुजरियों, कजलियों की राम राम जी 🎉🙏
भुजरियों, कजलियों की राम राम जी 🎉🙏
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कैसै कह दूं
कैसै कह दूं
Dr fauzia Naseem shad
सोने के पिंजरे से कहीं लाख़ बेहतर,
सोने के पिंजरे से कहीं लाख़ बेहतर,
Monika Verma
रूप पर अनुरक्त होकर आयु की अभिव्यंजिका है
रूप पर अनुरक्त होकर आयु की अभिव्यंजिका है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
ਯਾਦਾਂ ਤੇ ਧੁਖਦੀਆਂ ਨੇ
ਯਾਦਾਂ ਤੇ ਧੁਖਦੀਆਂ ਨੇ
Surinder blackpen
बरसात
बरसात
surenderpal vaidya
ख्याल नहीं थे उम्दा हमारे, इसलिए हालत ऐसी हुई
ख्याल नहीं थे उम्दा हमारे, इसलिए हालत ऐसी हुई
gurudeenverma198
जिन्दगी के रंग
जिन्दगी के रंग
Santosh Shrivastava
जब जब तुम्हे भुलाया
जब जब तुम्हे भुलाया
Bodhisatva kastooriya
हे राघव अभिनन्दन है
हे राघव अभिनन्दन है
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
आस्था स्वयं के विनाश का कारण होती है
आस्था स्वयं के विनाश का कारण होती है
प्रेमदास वसु सुरेखा
अब की बार पत्थर का बनाना ए खुदा
अब की बार पत्थर का बनाना ए खुदा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
” सबको गीत सुनाना है “
” सबको गीत सुनाना है “
DrLakshman Jha Parimal
जब कोई आपसे बहुत बोलने वाला व्यक्ति
जब कोई आपसे बहुत बोलने वाला व्यक्ति
पूर्वार्थ
संविधान ग्रंथ नहीं मां भारती की एक आत्मा🇮🇳
संविधान ग्रंथ नहीं मां भारती की एक आत्मा🇮🇳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
स्त्री एक देवी है, शक्ति का प्रतीक,
स्त्री एक देवी है, शक्ति का प्रतीक,
कार्तिक नितिन शर्मा
*आया चैत सुहावना,ऋतु पावन मधुमास (कुंडलिया)*
*आया चैत सुहावना,ऋतु पावन मधुमास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
भारत और मीडिया
भारत और मीडिया
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Dr. Arun Kumar Shastri
Dr. Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हिंदी दलित साहित्य में बिहार- झारखंड के कथाकारों की भूमिका// आनंद प्रवीण
हिंदी दलित साहित्य में बिहार- झारखंड के कथाकारों की भूमिका// आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
प्रेम की अनिवार्यता
प्रेम की अनिवार्यता
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Loading...