@सच कहने लगे है@
@सच कहने लगे है@
अपनो को भूल कर,,
धन कमाने की होड़ में लगे है,,
रिश्तों को ठुकरा कर,,
जाने किस किस को लूटने में लगे है,,
थोड़ी सी दौलत मिलते ही,,
अहंकार में आते ही भूलने में लगे है,,
जो हो गए बूढ़े माँ बाप,,
देर न करे व्रद्धआश्रम छोड़ने में लगे है,,
अपनो के बीच खिंचे खिंचे रहते है,,
बड़ी बड़ी ढींगे हाँकने लगे है,,
बहन भाई कि प्यार की डोरी राखी,,
दुख में बहन तो याद मिटाने लगे है,,
मंदिरमस्जिद जाते स्वार्थवस ये,,
विकलो के लिए कभी दुआ नही करने लगे है,,
आ जाय रिश्तो में दरार तो,,
बैठ कर आपसी समझौता का प्रयास नही करते दूर भागने लगे है,,
सोनु की हमेशा चाहत यही रही,,
हर पल हर घड़ी यूँ ही मुस्कुरा कर रहने लगे है,,
प्रभु हम सब यूँ ही कृपा बरसती रहे,,
किसी चीज को न तरसे कभी कोई ये कहने लगे है,,
?सोनु जैन मंदसौर?