Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Oct 2020 · 1 min read

सच्ची झूठी बातें

सच्ची झूठी बातें
रवि शंकर साह
——————————————-
आओ हम सब सच्ची झूठी बात करें।
अपनों से अपनी दिल की बात करें।
तुम हमारी जयजयकार करना।
मैं तुम्हारी जयजयकार करूँगा।
कुछ तुम सच्ची झूठी बातें कहना।
मैं कुछ सच्ची झूठी बात कह दूँगा।
तुम मुझसे सच्चे-झूठे वादे करना ।
मैं झूठमूठ का विश्वास कर लूंगा ।
इसी तरह सच्ची झूठी बातों से,
हम सब अपना दिल बहलायेगे ।
मैं कुछ बेतुकी कविता सुनाऊँगा।
तुम मेरी वाहवाही कर देना।
तुम बेसुरा गीत सुना देना।
मैं झूठी ताली बजा दूँगा।
ऐसे ही हमदोनों दिल बहलालेंगे ।
देखने वाले देखते रहे जाएंगे
और हम कवि रवि बन जांएगे।
कहने वाले कुछ भी कहे,
रोकने वाले कितनो रोके।
हमें बढ़ना है बढ़ते रहेंगें।
किसी के रोके से नहीं रुकेगें।
©®रवि शंकर साह
बलसारा बैद्यनाथ धाम, देवघर
झारखंड (814112)

Language: Hindi
278 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
यात्रा ब्लॉग
यात्रा ब्लॉग
Mukesh Kumar Rishi Verma
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
कामयाबी का जाम।
कामयाबी का जाम।
Rj Anand Prajapati
जन्नत
जन्नत
जय लगन कुमार हैप्पी
स्टेटस
स्टेटस
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Jindagi ka kya bharosa,
Jindagi ka kya bharosa,
Sakshi Tripathi
स्वतंत्रता की नारी
स्वतंत्रता की नारी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*अग्रसेन ने ध्वजा मनुज, आदर्शों की फहराई (मुक्तक)*
*अग्रसेन ने ध्वजा मनुज, आदर्शों की फहराई (मुक्तक)*
Ravi Prakash
दिल के हर
दिल के हर
Dr fauzia Naseem shad
आँखें उदास हैं - बस समय के पूर्णाअस्त की राह ही देखतीं हैं
आँखें उदास हैं - बस समय के पूर्णाअस्त की राह ही देखतीं हैं
Atul "Krishn"
"कब तक हम मौन रहेंगे "
DrLakshman Jha Parimal
हिंदू कट्टरवादिता भारतीय सभ्यता पर इस्लाम का प्रभाव है
हिंदू कट्टरवादिता भारतीय सभ्यता पर इस्लाम का प्रभाव है
Utkarsh Dubey “Kokil”
आज वही दिन आया है
आज वही दिन आया है
डिजेन्द्र कुर्रे
अरे! पतझड़ बहार संदेश ले आई, बसंत मुसुकाई।
अरे! पतझड़ बहार संदेश ले आई, बसंत मुसुकाई।
राकेश चौरसिया
स्त्री-देह का उत्सव / MUSAFIR BAITHA
स्त्री-देह का उत्सव / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
चक्षु सजल दृगंब से अंतः स्थल के घाव से
चक्षु सजल दृगंब से अंतः स्थल के घाव से
Er.Navaneet R Shandily
***
*** " ये दरारों पर मेरी नाव.....! " ***
VEDANTA PATEL
कर्जा
कर्जा
RAKESH RAKESH
हाँ, मेरा मकसद कुछ और है
हाँ, मेरा मकसद कुछ और है
gurudeenverma198
"इंसानियत की लाज"
Dr. Kishan tandon kranti
कुछ मज़ा ही नही,अब जिंदगी जीने मैं,
कुछ मज़ा ही नही,अब जिंदगी जीने मैं,
गुप्तरत्न
आप हरते हो संताप
आप हरते हो संताप
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
...........!
...........!
शेखर सिंह
■मंज़रकशी :--
■मंज़रकशी :--
*Author प्रणय प्रभात*
"वट वृक्ष है पिता"
Ekta chitrangini
आपको डुबाने के लिए दुनियां में,
आपको डुबाने के लिए दुनियां में,
नेताम आर सी
23/157.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/157.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दोस्ती
दोस्ती
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
क्या है उसके संवादों का सार?
क्या है उसके संवादों का सार?
Manisha Manjari
खेल जगत का सूर्य
खेल जगत का सूर्य
आकाश महेशपुरी
Loading...