Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Aug 2017 · 1 min read

” ———————————–सचमुच एक बहाना है ” !!

” तेरा रूठना कह दे बहना –
सचमुच एक बहाना है ” !!

जिन आंखों में आंसू बसते ,
उनमें मोती सजने दे !
अपने हाथों तुझे खिलाऊँ ,
नीर न अब तू बहने दे !
इतना मत रो मेरी बबली ,
क्या मुझे रुलाना है !!

मैं हूँ अबोध तू लगे सयानी ,
यही सभी का कहना है !
है सूझ बूझ नानी दादी सी ,
तू लागे ज्यों गहना है !
जिद थोड़ी अच्छी लगती है ,
औऱ मुसीबत ढाना है !!

सीधे मुंह अब बात भी कर ले,
ज्यादह भाव नहीं खाना !
राखी अब नजदीक आ गई ,
कहीं तुझे ना पड़े मनाना !
गिफ्ट , मिठाई और क्या चाहे –
हँसकर तुझे बताना है !!

बृज व्यास

Language: Hindi
592 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
■ मौजूदा दौर...
■ मौजूदा दौर...
*Author प्रणय प्रभात*
सुप्रभात
सुप्रभात
डॉक्टर रागिनी
सारी हदों को तोड़कर कबूला था हमने तुमको।
सारी हदों को तोड़कर कबूला था हमने तुमको।
Taj Mohammad
गिरते-गिरते गिर गया, जग में यूँ इंसान ।
गिरते-गिरते गिर गया, जग में यूँ इंसान ।
Arvind trivedi
मै भी हूं तन्हा,तुम भी हो तन्हा
मै भी हूं तन्हा,तुम भी हो तन्हा
Ram Krishan Rastogi
जीवनदायिनी बैनगंगा
जीवनदायिनी बैनगंगा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
मैं कवि हूं
मैं कवि हूं
Shyam Sundar Subramanian
कारगिल युद्ध फतह दिवस
कारगिल युद्ध फतह दिवस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अपने अच्छे कर्मों से अपने व्यक्तित्व को हम इतना निखार लें कि
अपने अच्छे कर्मों से अपने व्यक्तित्व को हम इतना निखार लें कि
Paras Nath Jha
* नाम रुकने का नहीं *
* नाम रुकने का नहीं *
surenderpal vaidya
चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गायें
चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गायें
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वो बीते हर लम्हें याद रखना जरुरी नही
वो बीते हर लम्हें याद रखना जरुरी नही
'अशांत' शेखर
सृष्टि रचेता
सृष्टि रचेता
RAKESH RAKESH
अव्यक्त प्रेम
अव्यक्त प्रेम
Surinder blackpen
फिर यहाँ क्यों कानून बाबर के हैं
फिर यहाँ क्यों कानून बाबर के हैं
Maroof aalam
घर आये हुये मेहमान का अनादर कभी ना करना.......
घर आये हुये मेहमान का अनादर कभी ना करना.......
shabina. Naaz
*भरे मुख लोभ से जिनके, भला क्या सत्य बोलेंगे (मुक्तक)*
*भरे मुख लोभ से जिनके, भला क्या सत्य बोलेंगे (मुक्तक)*
Ravi Prakash
तरक़्क़ी देखकर फुले नहीं समा रहे थे ….
तरक़्क़ी देखकर फुले नहीं समा रहे थे ….
Piyush Goel
बाल विवाह
बाल विवाह
Mamta Rani
मकानों में रख लिया
मकानों में रख लिया
abhishek rajak
ख़बर है आपकी ‘प्रीतम’ मुहब्बत है उसे तुमसे
ख़बर है आपकी ‘प्रीतम’ मुहब्बत है उसे तुमसे
आर.एस. 'प्रीतम'
संज्ञा
संज्ञा
पंकज कुमार कर्ण
अनजान राहें अनजान पथिक
अनजान राहें अनजान पथिक
SATPAL CHAUHAN
माफ़ कर दे कका
माफ़ कर दे कका
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
"इबारत"
Dr. Kishan tandon kranti
राज जिन बातों में था उनका राज ही रहने दिया
राज जिन बातों में था उनका राज ही रहने दिया
कवि दीपक बवेजा
रिश्ते-नाते गौण हैं, अर्थ खोय परिवार
रिश्ते-नाते गौण हैं, अर्थ खोय परिवार
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मातु शारदे वंदना
मातु शारदे वंदना
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
लानत है
लानत है
Shekhar Chandra Mitra
लबो पे तबस्सुम निगाहों में बिजली,
लबो पे तबस्सुम निगाहों में बिजली,
Vishal babu (vishu)
Loading...