Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jan 2021 · 1 min read

सखी छाया बसंत है

पोर पोर चहुंओर, सखी छाया बसंत है
शांत चित्त व्यग्र हुआ, कामना अनंत है
बाबरे इन नैनों में, चंचलता आ गई
प्रियतम सांवरिया की, सुरतिया समा गई
कोयलिया बोल रही, मन मोर नाच रहा
पीहू पीहू आजा, पपीहा पुकार रहा
भीनी भीनी सुगंध, बसंती मन मोह रही
बंसी की मधुर तान, कानों में गूंज रही
झूम रहे तरु पल्लव, पायल सी छनक रही
अंग अंग फरकत है, नृत्य सृष्टि कर रही

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
5 Likes · 8 Comments · 409 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
सफ़ेदे का पत्ता
सफ़ेदे का पत्ता
नन्दलाल सुथार "राही"
हिंदी भारत की पहचान
हिंदी भारत की पहचान
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
Jo kbhi mere aashko me dard bankar
Jo kbhi mere aashko me dard bankar
Sakshi Tripathi
वक्त का सिलसिला बना परिंदा
वक्त का सिलसिला बना परिंदा
Ravi Shukla
मिट न सके, अल्फ़ाज़,
मिट न सके, अल्फ़ाज़,
Mahender Singh
जब कोई आदमी कमजोर पड़ जाता है
जब कोई आदमी कमजोर पड़ जाता है
Paras Nath Jha
चांद सितारे चाहत हैं तुम्हारी......
चांद सितारे चाहत हैं तुम्हारी......
Neeraj Agarwal
कबीर: एक नाकाम पैगंबर
कबीर: एक नाकाम पैगंबर
Shekhar Chandra Mitra
मुझे धरा पर न आने देना
मुझे धरा पर न आने देना
Gouri tiwari
मेरा कान्हा जो मुझसे जुदा हो गया
मेरा कान्हा जो मुझसे जुदा हो गया
कृष्णकांत गुर्जर
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
गम के बादल गये, आया मधुमास है।
गम के बादल गये, आया मधुमास है।
सत्य कुमार प्रेमी
"उम्मीदों की जुबानी"
Dr. Kishan tandon kranti
अभी जाम छल्का रहे आज बच्चे, इन्हें देख आँखें फटी जा रही हैं।
अभी जाम छल्का रहे आज बच्चे, इन्हें देख आँखें फटी जा रही हैं।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
योग का गणित और वर्तमान समस्याओं का निदान
योग का गणित और वर्तमान समस्याओं का निदान
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
सामाजिक कविता: बर्फ पिघलती है तो पिघल जाने दो,
सामाजिक कविता: बर्फ पिघलती है तो पिघल जाने दो,
Rajesh Kumar Arjun
रात के अंधेरे में नसीब आजमाना ठीक नहीं है
रात के अंधेरे में नसीब आजमाना ठीक नहीं है
कवि दीपक बवेजा
हकीकत पर एक नजर
हकीकत पर एक नजर
पूनम झा 'प्रथमा'
भूल कर
भूल कर
Dr fauzia Naseem shad
बगिया के गाछी आउर भिखमंगनी बुढ़िया / MUSAFIR BAITHA
बगिया के गाछी आउर भिखमंगनी बुढ़िया / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
Never settle for less than you deserve.
Never settle for less than you deserve.
पूर्वार्थ
फागुन का महीना आया
फागुन का महीना आया
Dr Manju Saini
!! मेरी विवशता !!
!! मेरी विवशता !!
Akash Yadav
मोहब्बत
मोहब्बत
AVINASH (Avi...) MEHRA
2777. *पूर्णिका*
2777. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
फितरत
फितरत
Kanchan Khanna
#लघुकथा / #न्यूज़
#लघुकथा / #न्यूज़
*Author प्रणय प्रभात*
नव वर्ष
नव वर्ष
Satish Srijan
बाल बिखरे से,आखें धंस रहीं चेहरा मुरझाया सा हों गया !
बाल बिखरे से,आखें धंस रहीं चेहरा मुरझाया सा हों गया !
The_dk_poetry
संस्कार संयुक्त परिवार के
संस्कार संयुक्त परिवार के
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
Loading...