Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Mar 2020 · 1 min read

सखियों से इजहार

क्या होगी इससे बड़ी, कोई और उमंग ।
गालों से उतरा नही,…महबूबा का रंग ।।

करे खुशी का प्रियतमा,सखियों से इजहार ।
सरहद से आया पिया,..होली पर इस बार ।।
रमेश शर्मा..

Language: Hindi
1 Like · 241 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जीवन संवाद
जीवन संवाद
Shyam Sundar Subramanian
"अ अनार से"
Dr. Kishan tandon kranti
ना आसमान सरकेगा ना जमीन खिसकेगी।
ना आसमान सरकेगा ना जमीन खिसकेगी।
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
शृंगारिक अभिलेखन
शृंगारिक अभिलेखन
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दो पल का मेला
दो पल का मेला
Harminder Kaur
2) “काग़ज़ की कश्ती”
2) “काग़ज़ की कश्ती”
Sapna Arora
आईना देख
आईना देख
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
बहुत दिनों से सोचा था, जाएंगे पुस्तक मेले में।
बहुत दिनों से सोचा था, जाएंगे पुस्तक मेले में।
सत्य कुमार प्रेमी
-- गुरु --
-- गुरु --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
काश कभी ऐसा हो पाता
काश कभी ऐसा हो पाता
Rajeev Dutta
Kohre ki bunde chhat chuki hai,
Kohre ki bunde chhat chuki hai,
Sakshi Tripathi
ठिठुरन
ठिठुरन
Mahender Singh
काफी है
काफी है
Basant Bhagawan Roy
जमाने की साजिशों के आगे हम मोन खड़े हैं
जमाने की साजिशों के आगे हम मोन खड़े हैं
कवि दीपक बवेजा
■ चार पंक्तियां अपनी मातृभूनि और उसके अलंकारों के सम्मान में
■ चार पंक्तियां अपनी मातृभूनि और उसके अलंकारों के सम्मान में
*Author प्रणय प्रभात*
गल्प इन किश एण्ड मिश
गल्प इन किश एण्ड मिश
प्रेमदास वसु सुरेखा
*मजा हार में आता (बाल कविता)*
*मजा हार में आता (बाल कविता)*
Ravi Prakash
दिल से ….
दिल से ….
Rekha Drolia
*
*
Rashmi Sanjay
मानव-जीवन से जुड़ा, कृत कर्मों का चक्र।
मानव-जीवन से जुड़ा, कृत कर्मों का चक्र।
डॉ.सीमा अग्रवाल
पहले वो दीवार पर नक़्शा लगाए - संदीप ठाकुर
पहले वो दीवार पर नक़्शा लगाए - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
अरमां (घमण्ड)
अरमां (घमण्ड)
umesh mehra
वो एक ही शख्स दिल से उतरता नहीं
वो एक ही शख्स दिल से उतरता नहीं
श्याम सिंह बिष्ट
तुम्हारी सादगी ही कत्ल करती है मेरा,
तुम्हारी सादगी ही कत्ल करती है मेरा,
Vishal babu (vishu)
दरोगवा / MUSAFIR BAITHA
दरोगवा / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
माना दौलत है बलवान मगर, कीमत समय से ज्यादा नहीं होती
माना दौलत है बलवान मगर, कीमत समय से ज्यादा नहीं होती
पूर्वार्थ
ये साल बीत गया पर वो मंज़र याद रहेगा
ये साल बीत गया पर वो मंज़र याद रहेगा
Keshav kishor Kumar
हर पिता को अपनी बेटी को,
हर पिता को अपनी बेटी को,
Shutisha Rajput
खुद पर यकीं
खुद पर यकीं
Satish Srijan
शब्द सारे ही लौट आए हैं
शब्द सारे ही लौट आए हैं
Ranjana Verma
Loading...