Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Sep 2020 · 1 min read

सकारात्मक सोच

सकारात्मक सोच
———————-
मानव जीवन मैं सोच कि बहुत महत्वपूर्ण स्थान है।जैसी हमारी सोच होगी वैसा ही हमारी बुद्धि होगी।कहतै हैं कि सकारात्मक सोच बिगड़ते काम भी बना देते हैं।सकारात्मक सोच से हमारा मन मस्तिष्क ऊर्जा से ओत प्रोत बना रहता है।हमारे काम आसानी से होते हैं।हम सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़कर खुशियाँ पाते हैं। खुशी खुशी काम करते हैं।सफल भी अधिक होते हैं।चिकित्सकों का भी कहना है कि सकारात्मक व्यक्ति अपेक्षाकृत कम बीमार होते हैं और शारीरक परेशानियों से अधिक सुरक्षित रहते हैं।सकारात्मक सोच हमारे लिए किसी टानिक से कम नहीं है।
संक्षेप में हमें सकारात्मक भाव को जीवन दर्शन बनाने की जरुरत है,ताकि हम सकारात्मक भाव विकसित कर सकें
और जीवन का भरपूर आनंद ले सकेंं।
आइए सकारात्मकता को जीवन का हिस्सा बनाएं और खुशहाल जिंदगी जिएं और कठिनाइयों से बच सकें,खुशहाली के नये मापदंड स्थापित कर सतत आगे बढें।
@सुधीर श्रीवास्तव

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 2 Comments · 454 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
फटा जूता
फटा जूता
Akib Javed
16, खुश रहना चाहिए
16, खुश रहना चाहिए
Dr Shweta sood
*मॉं भजनों को सुन-सुन कर, दौड़ी-दौड़ी आ जाना (गीत)*
*मॉं भजनों को सुन-सुन कर, दौड़ी-दौड़ी आ जाना (गीत)*
Ravi Prakash
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
वेदनामृत
वेदनामृत
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
सत्य शुरू से अंत तक
सत्य शुरू से अंत तक
विजय कुमार अग्रवाल
2802. *पूर्णिका*
2802. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तब मानोगे
तब मानोगे
विजय कुमार नामदेव
मां कालरात्रि
मां कालरात्रि
Mukesh Kumar Sonkar
दोहे-मुट्ठी
दोहे-मुट्ठी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"एहसासों के दामन में तुम्हारी यादों की लाश पड़ी है,
Aman Kumar Holy
परित्यक्ता
परित्यक्ता
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
बिछड़ा हो खुद से
बिछड़ा हो खुद से
Dr fauzia Naseem shad
इंतजार बाकी है
इंतजार बाकी है
शिवम राव मणि
माँ वाणी की वन्दना
माँ वाणी की वन्दना
Prakash Chandra
पत्थर
पत्थर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
पल का मलाल
पल का मलाल
Punam Pande
*
*"गंगा"*
Shashi kala vyas
मेरा चुप रहना मेरे जेहन मै क्या बैठ गया
मेरा चुप रहना मेरे जेहन मै क्या बैठ गया
पूर्वार्थ
हर व्यक्ति की कोई ना कोई कमजोरी होती है। अगर उसका पता लगाया
हर व्यक्ति की कोई ना कोई कमजोरी होती है। अगर उसका पता लगाया
Radhakishan R. Mundhra
बात
बात
Shyam Sundar Subramanian
#शिव स्तुति#
#शिव स्तुति#
rubichetanshukla 781
पेट्रोल लोन के साथ मुफ्त कार का ऑफर (व्यंग्य कहानी)
पेट्रोल लोन के साथ मुफ्त कार का ऑफर (व्यंग्य कहानी)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
गंदे-मैले वस्त्र से, मानव करता शर्म
गंदे-मैले वस्त्र से, मानव करता शर्म
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
पुलवामा वीरों को नमन
पुलवामा वीरों को नमन
Satish Srijan
जीवन का सफ़र कल़म की नोंक पर चलता है
जीवन का सफ़र कल़म की नोंक पर चलता है
प्रेमदास वसु सुरेखा
माँ का आशीर्वाद पकयें
माँ का आशीर्वाद पकयें
Pratibha Pandey
प्रभु की लीला प्रभु जाने, या जाने करतार l
प्रभु की लीला प्रभु जाने, या जाने करतार l
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
डॉ. नामवर सिंह की दृष्टि में कौन-सी कविताएँ गम्भीर और ओजस हैं??
डॉ. नामवर सिंह की दृष्टि में कौन-सी कविताएँ गम्भीर और ओजस हैं??
कवि रमेशराज
Loading...