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19 Mar 2018 · 2 min read

संस्मरण

बच्चें

संस्मरण

*एक दिन जब मैं अपनी कालोनी में अपने घर का निरीक्षण करने गयी। तब मैंने देखा कि उस कालोनी में एक साइड बने पार्क में दो चार बच्चे खेल रहे है।तब मैंने देखा कि आज तो स्कूल का दिन है फिर बच्चें पार्क में इतने समय क्या कर रहे ,मन मे न जाने एक बाद एक अनगिनत सवालों का सैलाब आने लगा । तभी मेने अपने जीवन साथी से कहा गाड़ी उस पार्क की ओर ले चलो ।उन्होंने गाड़ी को पार्क की ओर बढ़ाया।तभी में गाड़ी से उतर कर उन बच्चों की और कदम बढाने लगी।तभी कुछ बच्चे मुझ से थोड़े शरमाने लगे और झूले से दूर हटने लगे तभी मेने उनसे कहा इधर आओ बच्चों आप आज स्कूल नही गये?
तो उसमें से एक बड़ी लड़की बोली स्कूल तो हम नही जाते और हम अपने भाई बहनों का ध्यान रखते हैं।घरो में हमारे माता पिता इस कॉलोनी में मकानों में काम करते है
और हम अपने भाई बहनों का ख्याल रखते है।हमने आज तक स्कूल का मुँह तक नही देखा दीदी।
तब मेरे मन को बहुत बड़ा धक्का लगा कि सरकार एक और तो पूरा साक्षर भारत बनाना चाहती है और
ये घुमक्कड़ जाति के बच्चों का भविष्य अंधकार की ओर जा रहा। ये चाह कर भी स्कूल जाने में असमर्थ है
तभी मेने बोला तुम स्कूल जाना चाहते हो ?
तो सभी बच्चे एक साथ बोले जी दीदी जाना तो चाहते है लेकिन हमारे भाई बहनों को कौन संभालेगा और माता पिता घर पर रहेंगे तो कमाकर कौन ख़िलायेगा, तभी मेरा मन अचानक अंदर से दुःखी हो गया और जबान भी कुछ बोलने में लड़खड़ाने लगी।
मेरे पति की भी आवाज आ रही थी चलो क्या कर रही हो उन बच्चों से क्या पूछने लगी इतनी देर हो गयी।
तभी में भी अंदर से रोते हुए स्वरों से बोली आती हुँ जी
जब में आने लगी तो उन बच्चों की मुस्कान मेरे दिल को छू रही थी।और मै सोच रही थी कि मेरे देश के भविष्य का जीवन धीरे धीरे तम की और बढ़ रहा है।और मैं एक शिक्षिका होते हुए इनके लिए कुछ नही कर पा रही हूँ
*तभी मन मे एक ख्याल आया कि जब में उस कालोनी में अपने घर मे रहने जाऊँगी तब उन बच्चों को अपने घर बुलाकर कम से जीवन उपयोगी शिक्षा देने का प्रयास करूँगी। और उनके माता पिता को उनको रोज स्कूल भेजने के लिए अपने स्तर से प्रेरित करूँगी
*मैं सोचती हूँ कि सरकार क्यों नही इन गरीबों के जीवन स्तर को ऊँचा उठाने के लिए उचित कदम क्यों नही उठाती और इन घुमक्कड़ जाति के लोंगो के बच्चों को ये जहां जाकर काम करते वही के आस पास के स्कूल में इनकी शिक्षा दीक्षा की व्यवस्था क्यों नही करती
अगर इस ओर सरकार थोड़ा अपना रुख मोड़ ले तो शायद ये बच्चें निरक्षरता की गिनती में न आएँगे।
और अन्य बच्चों की भांति इनका भी जीवन प्रकाशमय बन जायेगा

लेखिका गायत्री सोनू जैन
सहायक अध्यापिका मंदसौर
मोबाइल नंबर 7772931211

Language: Hindi
228 Views
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