Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Mar 2017 · 1 min read

संयोग

“मम्मा !मै कुछ नहीं जानती ,आज हमारे ओल्ड ऐज होम को पूरा एक साल हो गया है,आज तो आपको मेरे साथ चलना ही होगा!” “हाँ संजू बेटा!आज मै पक्का चलूंगी,तुम्हारे साथ”मैंने कहा।ये मेरी इंजिनियर बेटी का इकलौता सपना था ,तभी बहुत खुश है वो आज। अपने पापा के चले जाने के बाद मेरे अकेलेपन को उसने कब और कैसे महसूस किया ,ये तो मै भी नहीं जानती थी,मगर वो इस उम्र की तकलीफें समझती थी,ये ही मेरे लिए बड़ी बात थी।
मै ओल्ड ऐज होम पहुंची तो मुझसे मिलने के लिए पहले ही वहां
सब तैयार थे। इतने में मेरी नज़र साधना पर पड़ी, और हम दोनों हैरान हो गए। साधना मेरी हमउम्र दोस्त थी,शादी के बाद ही हम दोनों मिले।मेरी बेटी और उसके जुड़वाँ बेटे,एक ही दिन एक ही नर्सिंग होम में हुए थे। दोनों परिवार बहुत खुश थे,मगर साधना ने कुछ ऐसा कहा,जिसके बाद मैंने उससे कभी बात नहीं की।”क्या बेटी हुई है,मुझे देखो बेटे हुए है वो भी दो,तुम किस्मत की बहुत कमजोर निकली सुरेखा!”वो दिन और आज का दिन मैंने उससे बात नहीं की।
लेकिन साधना ही मेरे पास आई और बोली”कितना बड़ा संयोग है न सुरेखा,कल जिन बेटों पर घमंड करके तुम्हें गाली दी थी,उन्होंने मुझे घर से बाहर निकाल दिया,पर तुम्हारी बेटी मुझे फिर से घर ले आई!””मुझे माफ़ कर दो सुरेखा!”उसकी भीगी आँखों ने मेरी आँखें फिर भीगा दी,मगर इस बार बेटी के गुरुर में मेरी आँखों में आंसू थे

Language: Hindi
405 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कोरोना संक्रमण
कोरोना संक्रमण
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जो खास है जीवन में उसे आम ना करो।
जो खास है जीवन में उसे आम ना करो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
हवाएँ मस्तियाँ लाईं, ये फागुन का महीना है【 हिंदी गजल/गीतिका
हवाएँ मस्तियाँ लाईं, ये फागुन का महीना है【 हिंदी गजल/गीतिका
Ravi Prakash
चकोर हूं मैं कभी चांद से मिला भी नहीं।
चकोर हूं मैं कभी चांद से मिला भी नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
*बताओं जरा (मुक्तक)*
*बताओं जरा (मुक्तक)*
Rituraj shivem verma
एक शख्स
एक शख्स
Pratibha Pandey
spam
spam
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जन्म दायनी माँ
जन्म दायनी माँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
शिव छन्द
शिव छन्द
Neelam Sharma
तुम जो हमको छोड़ चले,
तुम जो हमको छोड़ चले,
कृष्णकांत गुर्जर
तू ही मेरी चॉकलेट, तू प्यार मेरा विश्वास। तुमसे ही जज्बात का हर रिश्तो का एहसास। तुझसे है हर आरजू तुझ से सारी आस।। सगीर मेरी वो धरती है मैं उसका एहसास।
तू ही मेरी चॉकलेट, तू प्यार मेरा विश्वास। तुमसे ही जज्बात का हर रिश्तो का एहसास। तुझसे है हर आरजू तुझ से सारी आस।। सगीर मेरी वो धरती है मैं उसका एहसास।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
समय की कविता
समय की कविता
Vansh Agarwal
प्रेम पर शब्दाडंबर लेखकों का / MUSAFIR BAITHA
प्रेम पर शब्दाडंबर लेखकों का / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
रमेशराज के पर्यावरण-सुरक्षा सम्बन्धी बालगीत
रमेशराज के पर्यावरण-सुरक्षा सम्बन्धी बालगीत
कवि रमेशराज
चंद एहसासात
चंद एहसासात
Shyam Sundar Subramanian
मांँ ...….....एक सच है
मांँ ...….....एक सच है
Neeraj Agarwal
सब तेरा है
सब तेरा है
Swami Ganganiya
बेटी
बेटी
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
23/173.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/173.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
लाख कोशिश की थी अपने
लाख कोशिश की थी अपने
'अशांत' शेखर
होता अगर मैं एक शातिर
होता अगर मैं एक शातिर
gurudeenverma198
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
माह -ए -जून में गर्मी से राहत के लिए
माह -ए -जून में गर्मी से राहत के लिए
सिद्धार्थ गोरखपुरी
10) “वसीयत”
10) “वसीयत”
Sapna Arora
डायरी भर गई
डायरी भर गई
Dr. Meenakshi Sharma
कवियों से
कवियों से
Shekhar Chandra Mitra
खुशी का नया साल
खुशी का नया साल
shabina. Naaz
कभी - कभी सोचता है दिल कि पूछूँ उसकी माँ से,
कभी - कभी सोचता है दिल कि पूछूँ उसकी माँ से,
Madhuyanka Raj
💐प्रेम कौतुक-280💐
💐प्रेम कौतुक-280💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"नमक"
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...