संध्या सुन्दरी .. १ / १०
संध्या सुन्दरी, सजी संवरी सजनी l
सहज मधुरतम आलिंगन, उषा – रजनी ll
संध्या सुसज्जीत सुन्दरी l
सपना सी, पर खरी परी ll
संध्या है, छाँव है l (१ / १०)
प्रीत का पड़ाव है ll
प्रीय है साथ साथ l
हाथ में हाथ हाथ ll
कहे ह्दय के पात पात l
नहीं रहे जात पात ll
न उम्र की घात घात l
प्रणय के साथ साथ ll
बस यही हो बात बात l
गूंजे शब्द नाथ नाथ ll
बस प्रीत भाव है l
संध्या है, छाँव है l
प्रीत का पड़ाव है ll
अरविन्द व्यास “प्यास”