संदेश
ये झूर्रियाँ..
न जाने क्यों होती हैं..?
वक्त का फैसला
सुनाती हैं या
पुनः नवजीवन
दर्शाती हैं
या संदेश दे जाती हैं
पुनःजीवन यात्रा का
न जाने क्यो
क्षण भर में ही जीवन को
अंतिम छोर का सा संदेश देती हैं
मासूमियत ले लेती हैं
या पुनः उसकी और
का सफर तय
करने को कहती हैं..?
मेरी झूर्रियाँ..
न जाने क्यो ये संदेश दे
जाती हैं कि चल और चल
अगले पड़ाव की और