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17 May 2018 · 1 min read

संघर्ष

जीवन संघर्ष भरा है।
सहर्ष इसे स्वीकारा है।

हँसते हँसते इस जीवन में,
दुःख से किया किनारा है।

सुबह की सूर्य किरण बनकर,
गम के बादल को फारा है।

अपनी ताकत के दम पर,
अँधेरे में भी किया गुजारा है।

उसको सब ही रब कहता,
जो दे रहा हमें सहारा है।

लेकिन दुख के बाद हमें,
नव अनुभव मिला दोबारा है।
–लक्ष्मी सिंह

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