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25 Nov 2016 · 1 min read

संघर्ष एक इतिहास

जुल्म_ए_खाकी या जुल्म_ए_खादी
अधिकार के संघर्ष का तो इतिहास रहा है,
किसी ने समर्पण किया है,तो कोई भक्त रहा है
मुझे याद है पुरुषर्थ पोरस का भी,
जिसने सूली पर चढ़ भी सत्रु को ललकार दिया है ।

Language: Hindi
278 Views
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