संघर्षों में हरदम इंसान रहा
जीवन का पथ कब आसान रहा
संघर्षों में हरदम इंसान रहा
कभी रोना तो कभी हंसना है
कभी गिरना तो कभी उठना है
कभी जलना तो कभी बुझना है
कभी याद तो कभी भूलना है
मन में छुपा कई अरमान रहा
संघर्षों में हरदम इंसान रहा
कभी खोना तो कभी पाना है
कभी आना तो कभी जाना है
कभी सुनना तो कभी सुनाना है
कभी समझना तो कभी समझाना है
जीवन के सफर में कई व्यवधान रहा
संघर्षों में हरदम इंसान रहा।
नूर फातिमा खातून” नूरी”
( शिक्षिका) जिला-कुशीनगर