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4 Dec 2020 · 1 min read

— संगत का असर ? —

कौन कहता है, कि
संगत का असर होता है
अगर होता, तो काँटा
गुलाब सा क्यूं नही होता है
जाते हैं मयखाने में लोग
क्या वहां सब को नशा होता है
रखा हो अगर भरा गिलास पानी से
तो क्या वो जाम का ही भरा होता है
रास्ते में चलते हैं न जाने कितने
क्या सच में सब को चलना आता है
सीधे तो खैर क्या चलेंगे अब लोग
लोगों को रास्ते की पकड़ पर चलना भी नही आता है
प्यार के दो बोल कहाँ सुनाई देते हैं
प्यार में भी तो सब जहर घोल देते हैं
संगत चाहे कितनी भी बुरी क्यूं न हो
झूठ कहने वाले पर सच का कहाँ असर होता है
अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
1 Like · 321 Views
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