Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Feb 2019 · 1 min read

श्रृंगार रस

विधा-दोहा
20/7/2019

श्रगार-रस
********
भाव रूप उर में बहे, जो बनकर रस धार।
सभी रसों का मूल रस, रसपति है श्रृंगार।।१

कविता में श्रृंगार रस, मर्म हृदय का घोल।
जो अब तक उर में छुपा, दिया बात वो बोल।।२

सब रस में श्रृंगार रस, कहलाता रस राज।
सदा शोभता शीश पर, सुन्दरता का ताज।। 3

सदियों से श्रृंगार रस, किया दिलों पर राज
अंतस मन को छू लिया,इसका मधुकर साज।४

-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 1363 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
जरूरत के हिसाब से सारे मानक बदल गए
जरूरत के हिसाब से सारे मानक बदल गए
सिद्धार्थ गोरखपुरी
सत्य = सत ( सच) यह
सत्य = सत ( सच) यह
डॉ० रोहित कौशिक
👌आह्वान👌
👌आह्वान👌
*Author प्रणय प्रभात*
गीत
गीत
Shiva Awasthi
हनुमंत लाल बैठे चरणों में देखें प्रभु की प्रभुताई।
हनुमंत लाल बैठे चरणों में देखें प्रभु की प्रभुताई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
आपाधापी व्यस्त बहुत हैं दफ़्तर  में  व्यापार में ।
आपाधापी व्यस्त बहुत हैं दफ़्तर में व्यापार में ।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
*चरखा (बाल कविता)*
*चरखा (बाल कविता)*
Ravi Prakash
जिंदगी
जिंदगी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
इमारत बड़ी थी वो
इमारत बड़ी थी वो
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
Anand mantra
Anand mantra
Rj Anand Prajapati
दुनिया में कुछ चीजे कभी नही मिटाई जा सकती, जैसे कुछ चोटे अपन
दुनिया में कुछ चीजे कभी नही मिटाई जा सकती, जैसे कुछ चोटे अपन
Soniya Goswami
"व्याख्या-विहीन"
Dr. Kishan tandon kranti
मुख्तलिफ होते हैं ज़माने में किरदार सभी।
मुख्तलिफ होते हैं ज़माने में किरदार सभी।
Phool gufran
जिंदगी का सफर बिन तुम्हारे कैसे कटे
जिंदगी का सफर बिन तुम्हारे कैसे कटे
VINOD CHAUHAN
*जब से मुझे पता चला है कि*
*जब से मुझे पता चला है कि*
Manoj Kushwaha PS
अंदाज़े बयाँ
अंदाज़े बयाँ
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सब अपनो में व्यस्त
सब अपनो में व्यस्त
DrLakshman Jha Parimal
मनुख
मनुख
श्रीहर्ष आचार्य
हे प्रभु !
हे प्रभु !
Shubham Pandey (S P)
बेटी
बेटी
Akash Yadav
श्री श्याम भजन 【लैला को भूल जाएंगे】
श्री श्याम भजन 【लैला को भूल जाएंगे】
Khaimsingh Saini
तेरी महबूबा बनना है मुझे
तेरी महबूबा बनना है मुझे
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
23/41.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/41.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सारा सिस्टम गलत है
सारा सिस्टम गलत है
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"दोस्ती का मतलब"
Radhakishan R. Mundhra
इश्क़
इश्क़
लक्ष्मी सिंह
" भुला दिया उस तस्वीर को "
Aarti sirsat
मेरी प्यारी हिंदी
मेरी प्यारी हिंदी
रेखा कापसे
दर्द
दर्द
Satish Srijan
Loading...