Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jan 2019 · 1 min read

शोषण

पोषण के नाम पर
शोषण
हर जगह है शोषण
चाहे हो रेल चाहे हो जेल
हर जगह है शोषण का खेल

कहीं श्रम शोषण
कहीं यौन शोषण
कहीं मन का शोषण
तो कहीं धन का शोषण

कल-कारखानों में मजदूरों का शोषण
हॉस्पिटल-दवाखाना में मरीजों का शोषण
अनाथालय में अनाथों का शोषण
विद्यालय में सनाथों का शोषण

ये प्रकृति प्रदत है या मानव निर्मित
कुछ समझ में नही आता
क्योंकि बड़ी मछली छोटी मछली को खाती है
और बड़ा वृक्ष छोटे वृक्ष का हवा पानी

कहना ये मुश्किल होगा कि,
इसकी सुरुआत कहाँ से हुई ?
शायद बड़ा बनने की चाह
या फिर विषय वासना से युक्त
अय्याशी जीवन जीने की उत्कंठा

धर्म के नाम पर भक्तों का शोषण
गुरु-शिष्य परंपरा में गुरुदक्षिणा के नाम पर शोषण
शोषण से मुक्ति का शायद हीं
हो कोई युक्ति
क्योंकि नर -नारी दोनों की है
इसमें संलिप्ति

सरकार करे कर्मचारी का शोषण
कर्मचारी करे जनता का शोषण
अवरोही क्रम में चलता है शोषण
रुकता नही चलता है शोषण
मासूम बालाओं का यौन शोषण
करता है सारा सिस्टम

देख हैरत अंगेज़ घटना
आती है इस्तीफे की नौबत
किंतु जांच फ़टकार में बीत जाता है समय
और सबकुछ सपाट हो जाता है
फिर शुरु हो जाता है शोषण ।

sahil.sinha3289@gmail.com.

Language: Hindi
3 Likes · 1781 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from साहिल
View all
You may also like:
ना कुछ जवाब देती हो,
ना कुछ जवाब देती हो,
Dr. Man Mohan Krishna
'स्वागत प्रिये..!'
'स्वागत प्रिये..!'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
*सुख या खुशी*
*सुख या खुशी*
Shashi kala vyas
सुपर हीरो
सुपर हीरो
Sidhartha Mishra
छप्पन भोग
छप्पन भोग
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
*सवा लाख से एक लड़ाऊं ता गोविंद सिंह नाम कहांउ*
*सवा लाख से एक लड़ाऊं ता गोविंद सिंह नाम कहांउ*
Harminder Kaur
शे’र/ MUSAFIR BAITHA
शे’र/ MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
मत पूछो मुझ पर  क्या , क्या  गुजर रही
मत पूछो मुझ पर क्या , क्या गुजर रही
श्याम सिंह बिष्ट
■ अब सब समझदार हैं मितरों!!
■ अब सब समझदार हैं मितरों!!
*Author प्रणय प्रभात*
युद्ध नहीं अब शांति चाहिए
युद्ध नहीं अब शांति चाहिए
लक्ष्मी सिंह
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*असर*
*असर*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
💐प्रेम कौतुक-162💐
💐प्रेम कौतुक-162💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*देश के  नेता खूठ  बोलते  फिर क्यों अपने लगते हैँ*
*देश के नेता खूठ बोलते फिर क्यों अपने लगते हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
भारत कि गौरव गरिमा गान लिखूंगा
भारत कि गौरव गरिमा गान लिखूंगा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तेरे भीतर ही छिपा, खोया हुआ सकून
तेरे भीतर ही छिपा, खोया हुआ सकून
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
केवल भाग्य के भरोसे रह कर कर्म छोड़ देना बुद्धिमानी नहीं है।
केवल भाग्य के भरोसे रह कर कर्म छोड़ देना बुद्धिमानी नहीं है।
Paras Nath Jha
2338.पूर्णिका
2338.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
अतिथि हूं......
अतिथि हूं......
Ravi Ghayal
दिल में
दिल में
Dr fauzia Naseem shad
वो लोग....
वो लोग....
Sapna K S
कितने घर ख़ाक हो गये, तुमने
कितने घर ख़ाक हो गये, तुमने
Anis Shah
"आँखें"
Dr. Kishan tandon kranti
*स्वर्ग लोक से चलकर गंगा, भारत-भू पर आई (गीत)*
*स्वर्ग लोक से चलकर गंगा, भारत-भू पर आई (गीत)*
Ravi Prakash
भारतीय वनस्पति मेरी कोटेशन
भारतीय वनस्पति मेरी कोटेशन
Ms.Ankit Halke jha
☄️💤 यादें 💤☄️
☄️💤 यादें 💤☄️
Dr Manju Saini
हाथ की उंगली😭
हाथ की उंगली😭
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जिसकी जुस्तजू थी,वो करीब आने लगे हैं।
जिसकी जुस्तजू थी,वो करीब आने लगे हैं।
करन ''केसरा''
काग़ज़ पर उतार दो
काग़ज़ पर उतार दो
Surinder blackpen
कहाॅं तुम पौन हो।
कहाॅं तुम पौन हो।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
Loading...