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6 Apr 2017 · 2 min read

शेर

[8/2 00:06] Geetesh dubey ” GEET “:
??चंद शेर ??

निकले थे घर से, तेरी जुस्तजू को हम
तेरे पैकर मे सिमटकर खुद ही गुम हो बैठे । १
*********
महज़ मुस्कुराहटें ही नही कुबूल हमको
तेरी रुसवाइयों पर भी हँस लिया करते हैं । २
**********
पाने को इन आँखों मे ख्वाहिश अभी बाकी है
या तो वो पैमाना है या कि फिर साकी़ है । ३
************
वज़ह पूछोगे तो बता न सकेंगे तुमको
बेवज़ह ख़ता करने की आदत है हमको । ४
*************
लो जाने लगा हिज्राँ खिजा़ओं का मॊसम
समाने लगी नफ़स मे खुशबू ए रिदाए गुल । ५
****************
चाहतों का सिलसिला कुछ थम सा गया है
शायद इंसां मे ख़ुदा कुछ कम सा गया है
***********
हमसे मिलना तो नीयत साफ़ रखना ज़नाब
वरना ख्वाबों से तसल्ली कर लेना ॥
**********
ये आँसू भी बडे बेवफ़ा होते हैं
हम तो पहले ही खोये थे
सनम की जुदाई मे
ऒर ये आँखों से जुदा होते हैं ।
***********
तोड़ने लग गईं दम मेरी सिसकियाँ
मुहब्बतों का सफ़र अब न बाकी रहा
**********
उतरा है उजाला फ़लक से जमीं पर
जैसे कोई चमका हो नूर तेरे चेहरे का
***********
वो रंगत वो शोखी वो बिखरे नजारे
जैसे खिलखिलाता हुआ अक्स तेरे चेहरे का
**********
यूं न ताका करो आसमाँ की तरफ
बादल भी उमड़ सकते हैं
नज़र छिपाकर रखना जमाने से ” गीत ”
दोनो ही बरस सकते हैं ।
********
कहते रहे ता उम्र लेकिन
कुछ समझ पाये न तुम
खामोशियाँ लब पर रखीं
तब सुनने की जिद कर रहे…..
***********
इक रोज ये कहा था नज़र आयेंगे तुम्हे
आँखे गड़ाये बैठे थे हम फिर आँख लग गई ।
*************”
चंद शेर
********
जुस्तजू मे तेरी चौराहे पे आ खड़े
खबर भी तो हो वो डगर कॊन सी है
**********
तू मिले न मिले जो तू मुनासिब समझे
पर मिलने को मना करने के बहाने मिल ले
*************
याद आती भी तो इस तरह तेरी
जैसे भूला हो कोई सांसें गिनकर
************
क्या करियेगा ज़नाब
ज़ख़्म- ए- दिल देखकर
ये नज़्र- ए- यार है
तमाशा नही कोई

” गीत “✍?

Language: Hindi
Tag: शेर
303 Views
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