Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jan 2017 · 1 min read

**** शेर ******

23.1.17 रात्रि 10.5
बागे बुलबुल को अब मुस्कुराना ही होगा
तुमसे मिलना अब रोज़ाना ही होगा।।

अब बरखा हो कैसे बिन बादल
आँखों से आंसुओ को बहाना ही होगा

जोर आजमाइश ना करो इश्क में यारों
अब गले पड़े इश्क को निभाना ही होगा

एक बार जान हथेली पर रखले अपनी
एक दिन इस जहां से जाना ही होगा

खैर कोई बात नही जहां से जाने की
एक दिल लौटकर जहां में आना ही होगा

ग़म अगर लाख रोके राहें तेरी
ग़म को रास्ते से हटाना ही होगा

उफ़ ये प्राब्लम है अब बहुत भारी
रास्ते से काँटों को हटाना ही होगा

बहाने तो तुम भी बहुत अच्छे बनाते हो
एक दिन फिर भी जहां से जाना ही होगा

बर्फ बनकर जिंदगी अब जम गयी है
देख अब सूरज बन तुझको आना ही होगा

ग़जब है यारा दोस्ताना तेरा
रिश्ता अब निभाना ही होगा

प्यार में अब ख़ुदा बन गये हो तुम मेरे
एक दिन इस इंसां के दिल में आना ही होगा

जुल्म ना कर इन नशीली आँखों से
एक दिन आँख का पानी गिराना ही होगा

जमाना आज जो मुझको इतना सताता है
कल जमाने को पीछे मेरे आना ही होगा

बात आपने जो इतनी गहरी कह दी है
अब किसी भी तरह इसको पचाना ही होगा
ना कर साद ग़म से जिंदगी अपनी
ग़म-ए-उल्फत को निभाना ही होगा।।
? मधुप बैरागी
?मधुप बैरागी

Language: Hindi
Tag: शेर
326 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
: काश कोई प्यार को समझ पाता
: काश कोई प्यार को समझ पाता
shabina. Naaz
वक्त को यू बीतता देख लग रहा,
वक्त को यू बीतता देख लग रहा,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
** समय कीमती **
** समय कीमती **
surenderpal vaidya
रावण का परामर्श
रावण का परामर्श
Dr. Harvinder Singh Bakshi
हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस
Neeraj Agarwal
अंधेरे का डर
अंधेरे का डर
ruby kumari
आज कल कुछ इस तरह से चल रहा है,
आज कल कुछ इस तरह से चल रहा है,
kumar Deepak "Mani"
चंद हाईकु
चंद हाईकु
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दहन
दहन
Shyam Sundar Subramanian
रख लेना तुम सम्भाल कर
रख लेना तुम सम्भाल कर
Pramila sultan
प्रेरणा
प्रेरणा
पूर्वार्थ
🥀*अज्ञानीकी कलम*🥀
🥀*अज्ञानीकी कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
देश के दुश्मन कहीं भी, साफ़ खुलते ही नहीं हैं
देश के दुश्मन कहीं भी, साफ़ खुलते ही नहीं हैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
फिर मिलेंगे
फिर मिलेंगे
साहित्य गौरव
करते रहिए भूमिकाओं का निर्वाह
करते रहिए भूमिकाओं का निर्वाह
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Ishq ke panne par naam tera likh dia,
Ishq ke panne par naam tera likh dia,
Chinkey Jain
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
श्रम दिवस
श्रम दिवस
SATPAL CHAUHAN
स्त्री न देवी है, न दासी है
स्त्री न देवी है, न दासी है
Manju Singh
A Beautiful Mind
A Beautiful Mind
Dhriti Mishra
और मौन कहीं खो जाता है
और मौन कहीं खो जाता है
Atul "Krishn"
2807. *पूर्णिका*
2807. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
फिरकापरस्ती
फिरकापरस्ती
Shekhar Chandra Mitra
#शुभ_दिवस
#शुभ_दिवस
*Author प्रणय प्रभात*
जमाने की नजरों में ही रंजीश-ए-हालात है,
जमाने की नजरों में ही रंजीश-ए-हालात है,
manjula chauhan
तू ही मेरी चॉकलेट, तू प्यार मेरा विश्वास। तुमसे ही जज्बात का हर रिश्तो का एहसास। तुझसे है हर आरजू तुझ से सारी आस।। सगीर मेरी वो धरती है मैं उसका एहसास।
तू ही मेरी चॉकलेट, तू प्यार मेरा विश्वास। तुमसे ही जज्बात का हर रिश्तो का एहसास। तुझसे है हर आरजू तुझ से सारी आस।। सगीर मेरी वो धरती है मैं उसका एहसास।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
जो सब समझे वैसी ही लिखें वरना लोग अनदेखी कर देंगे!@परिमल
जो सब समझे वैसी ही लिखें वरना लोग अनदेखी कर देंगे!@परिमल
DrLakshman Jha Parimal
यहाँ पाया है कम, खोया बहुत है
यहाँ पाया है कम, खोया बहुत है
अरशद रसूल बदायूंनी
न मौत आती है ,न घुटता है दम
न मौत आती है ,न घुटता है दम
Shweta Soni
गीता मर्मज्ञ श्री दीनानाथ दिनेश जी
गीता मर्मज्ञ श्री दीनानाथ दिनेश जी
Ravi Prakash
Loading...