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24 Sep 2021 · 1 min read

शेर

ना वो सितम, ना कोई अफसाने?
तू ना सही, कोई और भी तो है?

मेरी मकबुलियत के कद्रदान हमारे.
कौन जिता अब, तेरी जुल्फों के सहारे?
© किशन कारीगर

Language: Hindi
Tag: शेर
159 Views
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