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23 Sep 2016 · 1 min read

शेर

लाल माँ के मार दीये कायरों से आज फिर
छीन ली मुसकाँ जवानों के घरों से आज फिर

गोद माँ की छोड़ कर जो इस जहाँ से अब चले
बीतती दिल पर पूछे क्या औरतों से आज फिर

तुम सबक इन जालिमों को क्यों सिखा देते नहीं
वार छिप करते पुछे इन बुजदिलों से आज फिर

चुन कमीनों को सजा दें फंदे पर लटका अभी
छोड़ शान्ति अब ले बदला मुश्किलों से आज फिर

डॉ मधु त्रिवेदी

Language: Hindi
Tag: शेर
73 Likes · 313 Views
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